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राजीव शुक्‍ला बोले- बलूचिस्‍तान वाली लाइन नरसिम्‍हा राव सरकार की थी

लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को करीब 95 मिनट लंबा भाषण दिया. इसमें उन्‍होंने जहां एक ओर पाकिस्‍तान को आज एक बड़ा मैसेज दिया वहीं उन्‍होंने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां भी बताईं.

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राजीव शुक्‍ला कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राजीव शुक्‍ला
कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को करीब 95 मिनट लंबा भाषण दिया. इसमें उन्‍होंने जहां एक ओर पाकिस्‍तान को आज एक बड़ा मैसेज दिया वहीं उन्‍होंने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां भी बताईं. आइए जानें पीएम मोदी की स्‍पीच पर क्‍या है कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राजीव शुक्‍ला की राय....

सवाल: प्रधानमंत्री की ओर से लाल किले के प्राचीर से दिए गए भाषण पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब: प्रधानमंत्री की भाषा सही नहीं है. लाल किले से विपक्ष के प्रति गाली गलौज की भाषा पहले कभी नहीं देखी गई, किसी प्रधानमंत्री ने आजतक ऐसा नहीं किया.

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सवाल: प्रधानमंत्री ने 1 तरीके से ढाई सालों के अपने कामकाज का लेखा जोखा दिया और बताया कि उनकी सरकार में तेजी से जनता के हितों के और विकास के काम हो रहे हैं?
जवाब: प्रधानमंत्री ने जिन योजनाओं को लेकर मनमोहन सरकार को कोसा आज उन्हीं को अच्छा बता रहे हैं या तो उन्हीं को आगे बढ़ा रहे हैं या फिर उनका नाम बदलकर अपना नाम चमका रहे हैं. चाहे बात आधार की हो, चाहे बात जन धन योजना की हो या फिर बात किसानों और गरीबों से जुड़ी स्कीम की हो. फिर चाहे बात इंश्योरेंस की हो क्‍यों न हो. प्रधानमंत्री का एक स्तर होना चाहिए, लेकिन वह मोदी जी में नहीं दिखता. उनके पास अपनी कोई योजना नहीं है.

सवाल: बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री के बयान पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री ने जो कहा वह कोई नई बात नहीं है. कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार की यही लाइन थी, जिसे आज प्रधानमंत्री ने दोहराया. इसमें क्या है, सवाल तो यह है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी सिर्फ बोलते हैं और बयानबाजी करते हैं लेकिन ठोस कदम कोई नहीं उठाते, इसीलिए आज पाकिस्तान प्रधानमंत्री को हल्के में ले रहा है.

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सवाल: प्रधानमंत्री ने महंगाई पर काबू करने की बात की. क्या महंगाई पर काबू हुआ है?
जवाब: महंगाई में कमी नहीं आई बल्कि और बढ़ गई है. प्रधानमंत्री को चाहिए कि पुराने राजाओं और सम्राटों की तरह वह रात में भेष बदलकर घोड़े पर निकले और आम जनता के बीच जाएं और जानकारी लें तो उनको मालूम हो जाएगा कि महंगाई पर जनता दर्द से कराह रही है.

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