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सैफुद्दीन सोज बोले- 5 अगस्त से हूं नजरबंद, SC में झूठ बोल रहा है J-K प्रशासन

जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को आज अपने ही घर में मीडिया से बातचीत करने से रोक दिया गया. वो अपने घर के अंदर से बात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें बोलने नहीं दिया.

कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज
शुजा उल हक/मौसमी सिंह
  • श्रीनगर/नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

  • अपनी नजरबंदी पर बात करना चाहते थे सोज
  • पुलिस ने सैफुद्दीन सोज को बात करने से रोका

जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को लेकर कल सुप्रीम कोर्ट में राज्य प्रशासन ने कहा था कि वो ना तो गिरफ्तार हैं, ना ही आने-जाने पर कोई रोक-टोक है, लेकिन सैफुद्दीन सोज को आज अपने ही घर में मीडिया से बातचीत करने से रोक दिया गया. वो अपने घर के अंदर से बात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें बोलने नहीं दिया.

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कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज आज यानी गुरुवार को अपने घर से निकल मीडिया से बात करना चाहते थे, तभी पुलिसकर्मियों ने उन्हेों रोक दिया. यह पूरा वाक्या इंडिया टुडे के कैमरे में कैद हो गया. इस दौरान सैफुद्दीन सोज ने चिल्लाते हुए कहा कि मैं दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन, सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहा है.

सैफुद्दीन सोज न तो हिरासत में, न हाउस अरेस्ट... J-K प्रशासन ने SC में दिया हलफनामा

मुझे घर में कैद करके रखा गया है: सैफुद्दीन सोज

आजतक से खास बातचीत में सैफुद्दीन सोज ने कहा कि जम्मू कश्मीर का सरकार झूठ बोल रही है. मुझे 5 अगस्त से ही नजरबंद रखा गया है. घर में ही मुझे कैद किया गया है. मैं अपने घर से बाहर नहीं जा सकता. अपनी बेटी से नहीं मिल सकता. सरकार, सुप्रीम कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है.

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सैफुद्दीन सोज ने कहा कि मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है. मुझे कैदी की तरह रखा गया है, जबकि मैं कानून का पालन करने वाला एक जिम्मेदार नागरिक हूं. सरकार मुझे बताएं कि मैंने ऐसा क्या किया कि मुझे मेरे साथ यह बर्ताव हो रहा है. इससे पहले मैं तीन बार बाहर गया, जब मेरी तबीयत बहुत खराब थी और मुझे डॉक्टर से मिलना था.

महबूबा मुफ्ती ने जताया दुख

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सैफुद्दीन साहब को पुलिस ने मीडिया से बात नहीं करने दी. जनवरी में मुझे भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब मैंने श्रीनगर में अपने घर पर मीडिया को संबोधित करने की कोशिश की थी. सैफुद्दीन साहब को ज़ूम के जरिए मीडिया से बात करना चाहिए और प्रशासन-पुलिस के दावे की पोल खोलनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार का हलफनामा

गुरुवार को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी मामले में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपने हलफनामे ने कहा था कि सोज न तो हिरासत में है और न ही हाउस अरेस्ट है. उनकी पत्नी के दावे झूठे हैं.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने हलफनामे में सैफुद्दीन सोज के हिरासत में या फिर हाउस अरेस्ट से इंकार किया. ऐसा कोई आदेश कभी पारित नहीं हुआ. हलफनामा में कहा गया कि सैफुद्दीन सोज स्वतंत्र हैं. जम्मू कश्मीर प्रसाशन द्वारा याचिका खरिज करने की मांग की गई है.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सैफुद्दीन सोज की पत्नी ने उनके हाउस अरेस्ट को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. सोज की पत्नी ने कहा कि 82 साल के सोज 5 अगस्त से घर पर नजरबंद हैं. इस पर प्रशासन ने जवाब दिया कि सोज ने कई बार स्थानीय इलाकों और 2 बार जम्मू-कश्मीर से बाहर की यात्रा की है.

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