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कर्नाटक: कांग्रेस को एक और झटका, MLA रमेश जरकीहोली का इस्तीफा, सिद्धारमैया ने बुलाई बैठक

ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं. दोनों विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने अपने आवास पर कांग्रेस के विधायकों की बैठक बुलाई है.

रमेश जरकीहोली (फोटो- ANI) रमेश जरकीहोली (फोटो- ANI)
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 01 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

कर्नाटक में कांग्रेस के एक और विधायक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. विधायक रमेश जरकीहोली ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा. बीते कुछ घंटों में कर्नाटक में कांग्रेस को ये दूसरा झटका लगा है. इससे पहले विजयनगर से विधायक आनंद सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था.

ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं. दोनों विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने अपने आवास पर कांग्रेस के विधायकों की बैठक बुलाई है.

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कर्नाटक के गृह मंत्री एमबी पाटिल ने कहा है कि पहले आनंद सिंह के इस्तीफे की रिपोर्ट थी, लेकिन स्पीकर ने इस जानकारी को खारिज कर दिया. अब मुझे रमेश जरकीहोली के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है. वो लेटर लिखे होंगे. ज्यादा जानकारी होने के बाद मैं इसपर कोई बयान दूंगा.

उन्होंने कहा कि रमेश जरकीहोली मेरे अच्छे मित्र हैं. राज्य में गठबंधन की सरकार अच्छे से चल रही है. सरकार को संकट में लाने के लिए 15 विधायकों को इस्तीफा देना होगा. सरकार गिराने की बीजेपी की कोशिश सफल नहीं होगी. कैसे वो 15 विधायकों का इस्तीफा दिलवाएंगे. गठबंधन की सरकार अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेगी.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से कर्नाटक सरकार में उथल-पुथल मची हुई है. हालांकि गठबंधन की ओर से सरकार को बचाने को प्रयास लगातार जारी रहा है. लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद कर्नाटक में राज्य कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व पर भरोसा जताया गया था. साथ ही, यह भी कहा गया था कि गठबंधन जारी रहेगा.  

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वहीं, कांग्रेस नेता परमेश्वर ने बीजेपी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन उनके मंसूबों को सफल नहीं होने देगा.

उन्होंने कहा कि सभी विधायक उनके साथ हैं और गठबंधन कुमारस्वामी के नेतृत्व के तहत काम करना जारी रखेगा. इस सरकार को कोई खतरा नहीं है.

2018 में कांग्रेस-जेडीएस की बनी थी सरकार

कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए पिछले साल चुनाव हुए थे. इस चुनाव में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसने 104 सीटें जीती थी.

वहीं कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं. खंडित जनादेश के बावजूद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. बीएस येदियुरप्पा ने शपथ भी ले ली. लेकिन जब बात विधानसभा में बहुमत साबित करने की आई तो बीजेपी इसमें फेल हो गई और सरकार गिर गई. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर लिया.

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