
नगालैंड में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस कुछ सीटों के बंटवारे पर अनौपचारिक सहमति के लिए नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) से बातचीत कर सकती है।
पार्टी से सूत्रों ने बताया कि भाजपा के एक स्थानीय दल के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस भी वहां की सत्तारुढ़ पार्टी के साथ ऐसा ही करने की योजना में जुटी है. कांग्रेस ने कल 60 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए अपने 23 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी एनपीएफ ने घोषणा की थी कि वह 58 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
भाजपा ने पहले से ही नवनिर्मित नगालैंड लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी) के साथ समझौता कर लिया है और 20 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नेफियू रियो के नेतृत्व में बनी एनडीपीपी 40 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी.
चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की आज अंतिम तिथि है. नामांकन 12 फरवरी से पहले वापस लिए जा सकते हैं.
पार्टी के एक नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, "एनपीएफ पहले ही लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. वैसे नामांकन वापस लेने के लिए अभी भी वक्त बचा हुआ है."
उन्होंने कहा, "हम एनपीएफ नेताओं से बात करने का प्रयास करेंगे कि एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन से मुकाबले के लिए कुछ सीटों पर सहमति बनाई जाए. कल तक एनपीएफ, भाजपा, एनपीपी और जनता दल (यूनाइटेड) से 22 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे.
इससे एक हफ्ते पहले तक कांग्रेस समेत लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने संयुक्त रूप से चुनाव न होने देने का फैसला किया था. यह निर्णय राज्य की जनजातीय संस्थाओं की उस मांग की प्रतिक्रिया स्वरूप लिया गया था जिसमें लंबे समय से स्थगित नगा राजनीतिक मुद्दे का पहले समाधान करने को कहा गया था.
बहरहाल, विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों की तरफ से नामांकन दाखिल किए जाने से यह अनिश्चितता खत्म होती जा रही है.