
कांग्रेस के महाधिवेशन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैलेट पेपर को दोबारा से वापस लाना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस के संकल्प पर बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग को दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों की तरह भारत में भी बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव करवाना चाहिए, ताकि चुनाव को लेकर लोगों में विश्वास बना रहे.
कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में खड़गे ने पार्टी की राजनीतिक संकल्प में कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई वाली पुरानी पार्टी ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए ताकि जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास बना रहे.
उन्होंने कहा कि ईवीएम के दुरुपयोग को लेकर तमाम सवाल उठे हैं, जनता और राजनीतिक पार्टियों में ईवीएम के दुरुपयोग और उसके द्वारा चुनावों में हेरफेर को लेकर आशंकाएं हैं, इसलिए देश को बैलेट पर वापस लौटना चाहिए.
इसके अलावा खड़गे ने कहा कि कांग्रेस सभी भारतीयों की पार्टी है. बापू को साम्प्रदायिक ताकतों ने हमसे छिन लिया है. खड़गे ने कहा कि मुश्किल दौर में सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने कहा कि आरएसएस-बीजेपी गठजोड़ से जुड़े संगठनों द्वारा संविधान के बुनियादी सिद्धांतों और देश के मूल्यों को सुनियोजित हमले का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस-भाजपा से जुड़े लोगों ने देश में डर शंका और धमकी भरा माहौल बना दिया है. पीएम और भाजपा सरकार किसी भी आलोचनाओं को नहीं सहते. सत्ता के नशे में चूर रहते हैं. आरएसएस और बीजेपी राष्ट्रवाद और देशभक्ति का ठेकेदार बनते हैं, लेकिन वो आजादी की लड़ाई से खुद को अलग रखने और माफी की गुहार लगाने वालों के वैचारिक वंशज हैं.
हर संस्थान और विश्व विध्यालयों में आरएसएस की घुसपैठ, लोकतंत्र और बहुलवाद के लिए खतरा बन गया है. भाजपा सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक कार्यालय का बेशर्मी से दुरुपयोग किया है. भाजपा सरकार एजेंसी का दुरुपयोग करके विरोधियों को अपमानित करती है. न्याय प्रणाली में कामकाज को लेकर इन दिनों घबराहट का माहौल है.