
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालने के बाद अब विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. रोजा इफ्तार के बहाने राहुल की ओर से पहली बार विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं को न्योता दिया गया है. जबकि इससे पहले यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी की ओर से निमंत्रण दिया जाता रहा है. ऐसे में अब देखना है कि राहुल के बुलाने पर विपक्ष के कौन-कौन नेता एकजुट होते हैं? इस पर सभी की नजर है.
दो साल बाद कांग्रेस की इफ्तार पार्टी
बता दें कि कांग्रेस दो साल के अंतराल के बाद आज रोजा इफ्तार का आयोजन करने जा रही है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान सोनिया गांधी ने 2015 में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था.
सभी विपक्षी दलों को न्योता
कांग्रेस की रोजा इफ्तार पार्टी के लिए राहुल गांधी ने सपा, बसपा, एनसीपी, आरजेडी, वामदल, जेडीएस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. हालांकि रामविलास पासवान जैसे एनडीए के उन नेताओं को न्योता नहीं दिया गया है जो पहले यूपीए सरकार का हिस्सा रह चुके हैं. जबकि पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस उन नेताओं को भी न्योता दे सकती है जो पहले उसके साथी रह चुके हैं.
यूपी में महागठबंधन सही राह पर
2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी दल आपस में एकजुट होने की गुहार लगा रहे हैं. यूपी में सपा, बसपा और आरएलडी एकजुट हो रहे हैं. जबकि टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए वन-टू-वन का फॉर्मूला दिया दिया है. वहीं कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कवायद में जुटी है.
सोनिया के डिनर में पहुंचे थे 17 दलों के नेता
इससे पहले, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मार्च में विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा भोज रखा था, जिसमें तकरीबन 17 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे. सोनिया गांधी की 'डिनर डिप्लोमेसी' हर तरफ चर्चा का विषय बन गई थी. इस डिनर के जरिए सभी विपक्षी दलों का विश्वास बटोरना और उन्हें एकजुट करने का मकसद था. कांग्रेस ने कहीं न कहीं यह संकेत देने की कोशिश थी कि आने वाले चुनावों मे अगर मोदी का विकल्प चुना गया तो वह गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में ही होगा.
कुमारस्वामी के शपथ में हुआ था शक्ति प्रदर्शन
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के तकरीबन सभी दल एकजुट हुए थे. इसमें पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक के गैर बीजेपी नेता शामिल थे. इससे पहले ऐसी विपक्षी एकजुटता नहीं दिखी थी. खास बात ये थी कि विपक्षी दलों के अध्यक्ष इसमें शामिल हुए थे. ममता से लेकर सीताराम येचुरी और अखिलेश से लेकर मायावती तक एक साथ मंच पर नजर आए थे. इस समारोह की एक खास तस्वीर वायरल भी हुई थी.
कांग्रेस अध्यक्ष के तौर राहुल गांधी ने पहली बार रोजा इफ्तार के बहाने विपक्षी दलों को न्योता दिया है. राहुल के लिए विपक्ष को एकजुट करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. वो भी ऐसे समय में जब विपक्ष के कई नेता हैं जो 2019 में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में है.
महागठबंधन के नेतृत्व का सवाल टाल गए राहुल
इससे पहले महाराष्ट्र दौरे पर बुधवार को जब राहुल से ये सवाल पूछा गया कि 2019 में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा तो राहुल गांधी इस सवाल को टाल गए.
कई सहयोगी दलों के नेता नहीं पहुंचेंगे
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कांग्रेस अध्यक्ष की इफ्तार में शामिल नहीं हो सकेंगे क्योंकि आज ही पटना में आरजेडी की तरफ से इफ्तार का आयोजन किया गया है. आरजेडी प्रतिनिधि के तौर पर पार्टी प्रवक्ता मनोज झा शामिल होंगे. जेडीएस की ओर से कुंवर दानिश अली अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे. इसके अलावा एनसीपी की ओर से तारिक अनवर के शामिल होने की संभावना है. बाकी विपक्ष के नेताओं के शामिल होने को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है.