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तीन तलाक पर कांग्रेस समर्थन को तैयार, मोदी सरकार के सामने रखी ये शर्त

तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के सामने महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की शर्त रख कर पीएम नरेंद्र मोदी के दांव पर पानी फेर दिया है.

राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- GETTY IMAGES) राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- GETTY IMAGES)
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के सामने महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की शर्त रख कर पीएम नरेंद्र मोदी के दांव पर पानी फेर दिया है. दरअसल, पीएम मोदी लगातार तीन तलाक के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा समर्थन नहीं दिए जाने को लेकर निशाना साधते रहे हैं.

हाल ही में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पर समर्थन व्यक्त करते हुए इसे पारित कराने का आग्रह किया था. उनके पत्र पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी उन्हें एक पत्र लिखा और तीन तलाक व निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को पारित कराने में सहयोग की मांग की थी.

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अब कांग्रेस ने उनकी ये बात भी मान ली है और शर्त के साथ तीन तलाक बिल पर समर्थन देने का ऐलान किया है. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि अगर सरकार तीन तलाक विरोधी विधेयक में महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान करती है तो कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन जरूर करेगी.

'सरकार तीन तलाक के मुद्दे पर कर रही है सौदेबाजी'

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक के लिए तीन तलाक़ विधेयक की शर्त रखकर 'सौदेबाजी' कर रही है. सुष्मिता देव ने कहा, 'हम तीन तलाक विरोधी विधेयक के खिलाफ में कभी नहीं थे. लेकिन विधेयक का मौजूदा स्वरूप मुस्लिम महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है. इसमें पीड़ित महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान होना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'महिला के गुजारा भत्ता के लिए मैंने लोकसभा में संशोधन पेश किया था लेकिन वह पारित नहीं हो सका. अगर यह संशोधन स्वीकार कर लिया जाता है तो हम इस विधेयक का बिल्कुल समर्थन करेंगे.' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'विधेयक का मकसद यही है कि मुस्लिम महिला को न्याय मिले और तीन तलाक पर अंकुश लगे. लेकिन पति जेल चला जायेगा तो महिला की जीविका का क्या होगा. इस पहलू पर हमें ध्यान देना होगा.'

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गौरतलब है कि एक बार में तीन तलाक के खिलाफ लाया गया 'मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक' लोकसभा में पारित हो चुका है और फिलहाल राज्यसभा में लंबित है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पारित किए जाने के लिए सहयोग करने को कहा था. उसके बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस महिला आरक्षण ही नहीं, बल्कि तीन तलाक, हलाला और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संबन्धी विधेयकों पर भी सरकार का साथ दें.

इस पर महिला कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, 'सरकार की ओर से सौदेबाजी की जा रही है. क्या उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा था कि महिला आरक्षण विधेयक के साथ तीन तलाक विधेयक को पारित करेंगे? हमारे पास बहुमत नहीं था, लेकिन इनके पास स्पष्ट बहुमत है. अगर कांग्रेस और भाजपा दोनों समर्थन करें तो महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जा सकता है.'

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