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सोज की बुक लॉन्च कार्यक्रम से कांग्रेस की दूरी, संबोधन में शौरी ने सरकार को घेरा

पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसमें शामिल नहीं हुए लेकिन यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेसी जयराम रमेश कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में चिदंबरम को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

किताब का विमोचन करते सोज और शौरी किताब का विमोचन करते सोज और शौरी
अनुग्रह मिश्र/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2018,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST

कांग्रेस ने कश्मीर पर विवादास्पद बयान देने वाले अपने नेता सैफ़ुद्दीन सोज की नई किताब के लोकार्पण कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी. पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसमें शामिल नहीं हुए लेकिन यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेसी जयराम रमेश कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में चिदंबरम को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

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पार्टी सूत्रों का कहना है कि किताब को लेकर खड़े हुए विवाद को देखते हुए यह राय बनी कि चिदंबरम को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए. यही कारण था कि पहले निमंत्रण स्वीकार करने के बावजूद चिदंबरम विमोचन समारोह में नहीं पहुंचे.

सोज की पुस्तक ‘कश्मीर: गिलम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ के लेकर खड़े हुए विवाद को देखते हुए चिदंबरम ने भले ही इससे दूरी बना ली हो, लेकिन रमेश इसमें शामिल हुए. हालांकि रमेश मंच पर नहीं, बल्कि दर्शकदीर्घा में बैठे थे. यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी इस पुस्तक को लेकर असहज है तो फिर वह इसमें शामिल हुए तो रमेश ने कोई जवाब नहीं दिया और वहां से चले गए.

कार्यक्रम में बोलते हुए वायपेयी सरकार में मंत्री रह चुके अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कश्मीर और चीन को लेकर कोई नीति नहीं है. हमने सर्जिकल नहीं फर्जिकल स्ट्राइक की है. शौरी ने कहा कि स्वायत्तता की भारी कमी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से पैसा जाता जरूर है लेकिन जरूरतमंदों तक पहुंचना नहीं है. शौरी ने चुनाव आयोग और CAG जैसी संस्थाओं को और सजग बनाने पर भी जोर दिया.

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सोज के इस बयान पर विवाद

दरअसल, हाल ही में सोज की इस पुस्तक के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है कि कश्मीर के लोग भारत या पाकिस्तान के साथ जाने की बजाय अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे. इस मीडिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोज पर अपनी किताब बेचने के लिए ‘सस्ते हथकंडे’ अपनाने का आरोप लगाया था.

सुरजेवाला ने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, अभिन्न हिस्सा है, और युग युगांतर तक अभिन्न हिस्सा रहेगा. किताब बेचने के लिए अगर कोई सस्ते हथकंडे अपनाता है तो उससे यह सच नहीं बदला जाएगा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.’

बीजेपी ने किया था पलटवार

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर के जरिए सोज और कांग्रेस पर वार किया था. संबित पात्रा ने लिखा कि लश्कर-ए-तैयबा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का पहले ही समर्थन कर दिया है और अब सैफुद्दीन सोज ने आजाद कश्मीर का राग अलापा है. पात्रा ने लिखा कि एक पाकिस्तान भारत के बाहर है और एक पाकिस्तान कांग्रेस के अंदर ही है.

सोज की पुस्तक के विमोचन समारोह में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर भी शामिल हुए.

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