
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के लिए कांग्रेस ने अपनी आक्रामक रणनीति तैयार कर ली है. पार्टी रणनीतिकारों ने संसद में सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों की सूची को अंतिम रूप भी दे दिया है. साथ ही तमाम विपक्षी दलों से भी समर्थन की बात की है. ऐसे में संसद के इस सत्र के फिर हंगामेदार रहने के ही आसार हैं.
वैसे तो मुद्दों की सूची खासी लंबी है, लेकिन पार्टी ने सबसे पहले बैंक लूट को सबसे बड़ा मुद्दा माना है. इसलिए संसद के दोनों सदनों में पार्टी ने बैंक लूट के मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस देने का फैसला किया है.
संसद की रणनीति पर चर्चा करते हुए लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि देशहित और जनहित के सारे मुद्दे हम उठाएंगे, जिसमें नीरव मोदी समेत बैंक लूट का मुद्दा सबसे ऊपर है.
बैंक लूट के अलावा पार्टी ने सबसे पहले 5 मुद्दों पर फोकस करने का भी फैसला किया है
1. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के पीएनबी महा घोटाले के साथ ही विजय माल्या, ललित मोदी और अन्य बैंकों के डिफॉल्टरों के देश से भागने के मामले भी पार्टी उठाएगी. पार्टी को लगता है कि इसमें करदाताओं के पैसे की लूट है, जिसमें उसे बाकी विरोधी दलों का भी साथ मिल जाएगा.
2. दूसरा ताजा मुद्दा है- मेघालय में सरकार बनाने का. पार्टी सरकार पर जबरन जोड़ तोड़ करने का मुद्दा भी उठाने की तैयारी में है. पार्टी को लगता है कि संघीय ढांचे का मसला होने के चलते क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लेना आसान रहेगा.
3. इसके बाद महंगाई और पेट्रोल डीज़ल के दामों की भी बारी है. इसी के मद्देनजर दिल्ली कांग्रेस ने सत्र से ठीक एक दिन पहले 280 जगहों पर प्रदर्शन किया, ताकि मुद्दा जिंदा रहे और सदन में उठाया जा सके.
4. पार्टी की सूची में चौथे नंबर पर है राजनीतिक प्रतिशोध का मसला. लालू यादव से लेकर कार्ति चिदम्बरम तक सिर्फ विरोधियों के खिफाल सरकारी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे को उठाकर वो अपने साथ सरकार के खिलाफ बाक़ी विरोधियों को खड़ा करने की भी कोशिश करेगी.
5. साथ तीन पुराने मुद्दे भी पार्टी गाहे बगाहे उठती रहेगी. राफेल, जज लोया और अमित शाह के बेटे जय शाह के मुद्दे को भी कांग्रेस गर्म रखेगी. पार्टी को लगता है कि राहुल गांधी के तमाम सवालों के बाद भी सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया, उलटे सरकार इसमें उलझ गई है. इसलिए वो इन मुद्दों को भी नहीं छोड़ेगी.
इन मुद्दों पर मुहर लगाते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा कि राफेल के साथ साथ जय शाह का मुद्दा हम भूले नहीं हैं. कुल मिलाकर पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजे कुछ भी हों, लेकिन कांग्रेस बाकी विपक्षियों के साथ मिलकर आक्रामक तेवर के साथ सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुकी है.