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राफेल डील पर मोदी को घेरने के लिए राहुल की रणनीति, एक महीने तक देशव्यापी हल्ला बोल

राफेल डील पर बीजेपी-कांग्रेस के वीडियो वॉर के बाद अब  कांग्रेस ने और आक्रामक रुख अख्तियार करने का फैसला लिया है. इसके लिए पार्टी आने वाले एक महीने देशव्यापी हल्ला बोल करने की  तैयारी में है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
विवेक पाठक/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:08 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल को लेकर पार्टी को और आक्रामक देखना चाहते हैं. जिसके लिए कांग्रेस संगठन को देशभर में राफेल के मुद्दे को आम जनता तक पहुंचाने की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया गया है. पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने इस बाबत अंदरखाने पार्टी संगठन को खत भी भेज दिया है.

कांग्रेस ने 25 अगस्त से लेकर 30 सितम्बर तक देश भर के लिए कार्यक्रम तय कर किए हैं. अपने जर्मनी और लंदन दौरे से पहले राहुल पार्टी संगठन को राफेल मुद्दे को लेकर कार्यक्रम का प्रारूप दे गए हैं. तय कार्यक्रम को पांच चरणों मे बांटा गया है:

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1. 25 अगस्त से कांग्रेस राफेल पर देशव्यापी प्रेस कांफ्रेंस करेगी, जो 6 सितंबर तक जारी रहेगी.

2. सभी बड़े नेता बड़े शहरों, राज्य मुख्यालयों में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.

3. 7 सितंबर से 15 सितंबर तक ब्लॉक से लेकर जिला स्तर पर प्रदर्शन और कलेक्टर के दफ्तर तक मार्च होगा.

4. इसके बाद 16 से 30 सितंबर तक राज्य स्तर पर प्रदर्शन होना तय हुआ है.

5. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद 5 सितंबर को रांची में प्रेस कांफ्रेंस. 29 अगस्त को यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. वहीं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, ग्वालियर और हिसार में प्रेस को संबोधित करेंगे.

इसके बाद अंत में दिल्ली में बड़ी प्रेस वार्ता से इस अभियान का समापन होगा. जिसमें खुद राहुल गांधी हिस्सा लेंगे.

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने आजतक से कहा कि, राफेल एक बड़ा घोटाला है, जो आईने की तरह साफ है.  राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब पीएम और रक्षा मंत्री के पास नहीं है. हम इस मामले को ब्लॉक स्तर तक लेकर जाएंगे.

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क्या हैं कांग्रेस के आरोप?

कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने जिस विमान की डील की थी, उसी विमान को मोदी सरकार तीन गुना कीमत में खरीद रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस नई डील में किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की बात नहीं हुई है. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के मुताबिक यूपीए सरकार की डील के अनुसार, 126 में से 18 एयरक्राफ्ट ही फ्रांस में बनने थे बाकी सभी HAL के द्वारा भारत में बनने थे.

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