
कलेक्टर भवानी शंकर चैनी के पिता का निधन हो गया है. यूं इस घड़ी में उन्हें घर पर होना चाहिए था, लेकिन जिलाधिकारी होने के नाते कटक में कोरोना का संक्रमण रोकने में कलेक्टर भवानी शंकर का अहम रोल है, लिहाजा उन्होंने पिता के निधन के बाद भी छुट्टी नहीं ली है और अपने दायित्वों का पालन कर रहे हैं.
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पिता की मौत के दौरान ड्यूटी पर थे
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भवानी शंकर के पिता दामोदर चैनी भी एक अधिकारी ही थे. मंगलवार को 98 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. इस दौरान भवानी शंकर ड्यूटी पर थे, वे शहर के मिलेनियम सिटी में कोरोना से जुड़े इंतजाम की देख-रेख कर रहे थे. इस दौरान घर आने के बजाय वे अपने काम में लगे रहे.
ओडिशा सरकार के कोविड-19 प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने कटक के कलेक्टर की तारीफ की है और कहा कि परिवार में जब शोक का वक्त था, वहां उनकी जरूरत थी उस दौरान भी उन्होंने लोक सेवा को तरजीह दिया. बागची ने कहा कि उन्होंने शानदार उदाहरण पेश किया है.
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बाबू जी कहते थे-अधूरा काम कोई काम नहीं होता
बागची ने कहा कि भवानी शंकर बताते हैं, "मेरे पिता कहा करते थे कि अधूरा काम कोई काम नहीं होता. पिता के शब्दों ने ही उन्हें ऐसे शोक के समय में भी मुझे अपना काम पूरा करने में जुटे रहने की ताकत दी."
सीएम ने की तारीफ
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी कटक जिलाधिकारी के पिता के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया, साथ ही उन्होंने भवानी शंकर की तारीफ भी की है.