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कोरोना वायरस पर ये है दुनिया के मशहूर वायरोलॉजिस्ट इयान लिपकिन की राय

जो रोगी कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं उनके प्लाज्मा घातक वायरस के लिए बड़ी मात्रा में एंटीबॉडी होते हैं. दान किए गए रक्त से प्लाज्मा का इस्तेमाल पीड़ित के शरीर पर घातक वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने के लिए किया जाएगा.

कोरोना वायरस की चपेट में कई देश (फोटो-पीटीआई) कोरोना वायरस की चपेट में कई देश (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

  • कोरोना वायरस की चपेट में आने से कई देश प्रभावित
  • प्लाज्मा बैंकों को प्लाज्मा देना होगा फायदेमंद: लिपकिन

कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के कई देश आ चुके हैं. वहीं लगातार इस वायरस से निपटने की कोशिशें की जा रही है. कोरोना वायरस की चपेट में आने के कारण दुनियाभर में हजारों लोगों की मौत भी हो चुकी है तो बड़ी संख्या में लोग इस वायरस से ग्रस्त होने के बाद ठीक भी हो चुके हैं. इस बीच वायरोलॉजिस्ट डॉ. इयान लिपकिन ने ठीक हुए लोगों को एक बड़ी सलाह दी है.

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इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए दुनिया के जाने मानें वायरोलॉजिस्ट डॉ. इयान लिपकिन ने बताया कि इस वायरस का टीका (वैक्सीन) आने में एक साल का वक्त लग सकता है. साथ ही लिपकिन ने सलाह दी है कि जो लोग इस वायरस की चपेट में आने के बाद ठीक हो चुके हैं, उन्हें प्लाज्मा बैंकों को प्लाज्मा प्रदान करना चाहिए क्योंकि यह कोरोनो वायरस के इलाज में प्रभावी है.

उन्होंने कहा, 'जो रोगी कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं उनके प्लाज्मा घातक रोगजनक (वायरस) के लिए बड़ी मात्रा में एंटीबॉडी होते हैं. दान किए गए रक्त से प्लाज्मा का इस्तेमाल पीड़ित के शरीर पर घातक रोगजनकों से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने के लिए किया जाएगा.'

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लिपकिन ने कहा, 'वायरस से संक्रमित लोगों के दायरे का परीक्षण करने के लिए एंटीबॉडी एकमात्र तरीका है. मुझे नहीं पता कि इसका कोई अंत होगा या नहीं, लेकिन इस वायरस के कारण हमें आगे भी जूझना पड़ सकता है. यह वायरस अगले सीजन में वापस लौट सकता है. उम्मीद है, हमारे पास तब तक एक टीका होगा. टीका लगभग एक साल दूर है.'

डॉ. इयान लिपकिन (फोटो- बंदीप सिंह)

बचाव के तरीके

साथ ही इयान लिपकिन ने कोरोना वायरस से रोकथाम के उपाय भी बताए. उन्होंने कहा, 'अपने चेहरे को छूने से पहले अपने हाथों को जरूर धोएं. इससे आप वायरस से संक्रमित नहीं होंगे. इसके साथ ही लोगों को हम दस्ताने पहनने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हुए दस्ताने पहनें.' साथ ही लिपकिन ने सुरक्षा के लिहाज से लोगों से हाथ मिलाने के लिए भी मना किया.

कितने लोग वायरस की चपेट में?

बता दें कि चीन से फैलना शुरू हुए इस वायरस ने दुनिया के कई देशों में कोहराम मचा दिया है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के करीब 90 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं इस घातक वायरस के कारण 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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भारत में कितने मामले?

भारत में कोरोना वायरस के फिलहाल 25 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा, 'भारत में कोविड-19 के अब तक 28 मामले पाए गए हैं. जिनमें से केरल में तीन मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.' हर्षवर्धन के मुताबिक कम से कम नौ भारतीय और 16 विदेशी नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में हैं.

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