
गुवाहाटी और इसके आस-पास के क्षेत्र मौजूदा स्थिति में लॉकडाउन में हैं. असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने इस लॉकडाउन को राज्य के लिए "करो या मरो लड़ाई" का नाम दिया है. लेकिन सवाल ये है कि सख्त क्वारनटीन उपायों के बावजूद असम में ऐसी स्थिति क्यों बनी?
कोरोना वायरस के खिलाफ असम का रुख शुरू से ही सख्त रहा. इसमें राज्य के बाहर से आने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग, किसी भी राज्य की तुलना में सबसे सख्त क्वारनटीन उपाय भी शामिल रहे. इसमें बाहर से आने वालों के लिए 14 दिन के अनिवार्य क्वारनटीन का भी प्रावधान है, बेशक संस्थागत क्वारनटीन में किसी का टेस्ट नेगेटिव आया हो.
अब तक प्रतीत हो रहा था कि असम की ओर से उठाए गए कदम कारगर रहे हैं. राज्य में कुल केसों की संख्या 8,500 है. हरियाणा की तुलना में आबादी के हिसाब से असम बड़ा राज्य है, लेकिन यहां केसों की संख्या हरियाणा से आधी है. हालांकि मई के अंत तक यहां केसों की संख्या में वृद्धि होने लगी. पिछले दो दिनों में यहां हर दिन 500 से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं.
एक जुलाई को देश में 10वें नंबर पर सबसे अधिक नए केस असम में रिपोर्ट हुए. असम में जो स्थिति बेहतर नजर आती थी, पिछले हफ्ते से राज्य वो लाभ खोता नजर आ रहा है. अब यहां केस दो हफ्ते से भी कम समय में दोगुने हो रहे हैं, ये रफ्तार बाकी देश से तेज है.
बुधवार एक जुलाई को अकेले गुवाहाटी में ही 378 नए केस रिपोर्ट हुए, ये देश के शहरों में आठवें नंबर पर सबसे ज़्यादा केस थे. हालांकि गुवाहाटी अन्य सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों की तुलना में बहुत छोटा है. गुवाहाटी में 2,000 से अधिक कुल केस सामने आ चुके हैं. ये पूरे राज्य के कुल केसों का करीब एक चौथाई हिस्सा है.
केसों की सख्या बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने 28 जून की रात से गुवाहाटी उसके आस-पास के इलाकों में 14 दिन का सख्त लॉकडाउन लागू किया है.
सख्त क्वारनटीन नियमों की वजह से बाहर से लौटने वाले कई कोरोना पॉजिटिव प्रवासियों की पहचान की जा सकी. लेकिन इसके बावजूद असम मानता है कि वायरस अब स्थानीय रूप से भी फैल रहा है. जून के अंतिम सप्ताह में केवल दो दिनों में, राज्य ने गुवाहाटी में बिना कोई ट्रेवल हिस्ट्री वाले 144 पॉजिटिव लोगों की पहचान की.
असम में टेस्टिंग बड़े पैमाने पर की जा रही है. हालांकि इसकी पॉजिटिव मामलों की दर धीमी गति से बढ़ी है, लेकिन इसने अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ऊंची दर से टेस्टिंग की है. मई के अंत तक असम एक लाख से अधिक टेस्ट कर चुका था, जबकि बिहार जैसे बड़े राज्य और केरल जैसे समृद्ध राज्य ने इस मील के पत्थर को बाद में पार किया.
एक जुलाई तक असम लगभग 4.2 लाख लोगों का टेस्ट कर चुका है और यहां पॉजिटिव केसों की दर 2 प्रतिशत से थोड़ा अधिक रही. इसके अलावा असम लोगों को स्वेच्छा से टेस्टिंग के लिए आगे आने को प्रोत्साहित कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने अगले कुछ हफ्तों में गुवाहाटी में विशेष रूप से टेस्टिंग बढ़ाने का इरादा जताया है.
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