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विशिष्ट पहचान संख्या आधार को लेकर देशभर में बहस जारी है. इस बीच केंद्र सरकार अब दुधारू गाय-भैंसों के लिए भी 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी कर रही है. इसके इस्तेमाल से दुधारू गायों और भैंसों की पहचान और दुग्ध उत्पाद को बढ़ावा देने की योजना है.
इस संबंध में 9 करोड़ दुधारू मवेशियों की पहचान करने के लिए 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. हिना गावित और पी आर सुंदरम के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा कि इससे पशुओं के वैज्ञानिक प्रजनन, रोगों के फैलने पर नियंत्रण और दुग्ध उत्पादों के व्यापार में वृद्धि करने के उद्देश्य की प्राप्ति होगी.
राधा मोहन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पशु उत्पादकता मिशन के 'पशु संजीवनी' घटक के तहत इसे लागू किया जा रहा है. सिंह ने कहा कि इसकी तकनीक के लिहाज से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड पहले ही पशु स्वास्थ्य और उत्पादन संबंधी सूचना नेटवर्क (INAPH) विकसित कर चुका चुका है, जिसे 12 अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या वाले पोलीयूरिथिन टैग का प्रयोग करके पशु पहचान संबंधी डाटा अपलोड करने के लिए राष्ट्रीय डाटाबेस के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने बताया कि निविदा के आधार पर इस पोलीयूरिथिन टैग की कीमत 8 से 12 रुपये प्रति टैग है. नौ करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान करने और उन्हें नकुल स्वास्थ्य पत्र (स्वास्थ्य कार्ड) जारी करने के लिए पशु संजीवनी घटक के तहत 148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस घटक के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को केंद्रीय हिस्से के रूप में 75 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है.