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कई हस्तियों को निशाना बना चुका है साइबर ठगी का जामताड़ा मॉड्यूल

जामताड़ा से अताउल अंसारी ने खुद को स्टेट बैंक का मैनेजर बताते हुए परणीत कौर को फोन किया और फिर सैलरी ट्रांसफर के नाम पर धोखे से उनकी एटीएम जानकारी और ओटीपी नंबर पता कर लिया.

ठगी का आरोपी अताउल अंसारी ठगी का आरोपी अताउल अंसारी
aajtak.in
  • रांची,
  • 08 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

झारखंड के जामताड़ा ने साइबर क्राइम में अपनी कुख्यात पहचान बनाई है. संथाल परगना क्षेत्र में स्थित ये जिला अतीत में भी अपराध के ऊंचे ग्राफ के लिए जाना जाता रहा है. पहले यहां खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर यात्रियों को लूटने की कई घटनाए होती थीं. लेकिन डिजिटल क्रांति के बाद ठगने के लिए अपराध के तौर तरीकों में भी बदलाव आया है.

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जहरखुरानी के जरिए रेल यात्रियों से लूट जैसे अपराधों को पीछे छोड़ अब अपराधी तकनीक की मदद से लोगों की खून-पसीने की कमाई पर डाका डाल रहे हैं. इंटरनेट और साइबर तकनीक को साध कर ये साइबर अपराधी देश में कहीं भी बैठे व्यक्ति को झांसे में लेकर उसके बैंक अकाउंट से रकम को साफ कर देते हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और सांसद परणीत कौर के साथ हुई 23 लाख रुपए की ठगी के बाद साइबर अपराध का जामताड़ा मॉड्यूल फिर सुर्खियों में आ गया है.

सात दिन पहले जामताड़ा से अताउल अंसारी ने खुद को स्टेट बैंक का मैनेजर बताते हुए परणीत कौर को फोन किया. फिर सैलरी ट्रांसफर के नाम पर धोखे से उनकी एटीएम जानकारी और ओटीपी नंबर जान लिया. इसके बाद तीन बार में परणीत कौर के अकाउंट से 23 लाख रुपए निकाल लिए गए. पंजाब पुलिस ने जामताड़ा के एसपी से संपर्क किया और अताउल अंसारी को कर्मातार गांव से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. अब वह पंजाब पुलिस के रिमांड पर है.  

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कर्मातार गांव का अपराध का काला इतिहास रहा है. कुछ साल पहले तक यहां कुछ झोपड़ियां ही होती थीं. अब यहां कई आलीशान पक्के मकान हैं. इसे कस्बा कहा जा सकता है.

पिछले छह साल में नारायणपुर और कर्मातार से साइबर अपराधियों ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब और अंडमान निकोबार तक के लोगों को ठगी का शिकार बनाया. पुलिस रिपोर्ट बताती है कि जामताड़ा से साइबर ठगी की शुरुआत 2013 से हुई. तब से अब तक विभिन्न राज्यों की पुलिस ने जामताड़ा से 110 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.    

यहां के आंकड़े हैरान करने वाले लेकिन तथ्यों पर आधारित हैं. यहां 90 साइबर अपराधियों की पहचान हुई है जिन्होंने आय के ज्ञात से स्रोत से कहीं ज्यादा संपत्ति जुटा रखी है. ये सभी प्रवर्तन निदेशालाय (ED) के रडार पर हैं.

हाल ही में दिल्ली पुलिस ने सीताराम मंडल को उठाया था. मंडल का नाम कथित तौर पर विख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन का खाता हैक कर 5 लाख रुपये उड़ाने के लिए सामने आया था.

जामताड़ा से ही की गई साइबर ठगी से एक केंद्रीय मंत्री को 1.80 लाख का नुकसान हुआ. केरल के एक सांसद को तो 1.60 लाख का झटका लगा. यूपी के एक बीजेपी विधायक से 5000 रुपये की ठगी हुई. इन सब अपराधों के तार भी कर्मातार से ही जुड़े हुए थे.

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