
मौसम विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ. एम. महापात्रा के मुताबिक यह वेदर सिस्टम अगले 24 घंटे में और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा. इसी के साथ यह एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. जैसे ही यह चक्रवाती तूफान बनेगा तब इसका नाम 'तितली' होगा. चक्रवाती तूफान बनने के बाद यह वेदर सिस्टम बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती क्षेत्र ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ बांग्लादेश को भी हिट करेगा.
जब ये सायक्लोन बनेगा तो उस समय इसके अंदर चलने वाली हवाओं की रफ्तार 80 से लेकर 85 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी. मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि ताजा अनुमानों के मुताबिक ऐसा लगता है कि यह भीषण चक्रवाती तूफान उड़ीसा के तटीय इलाकों से टकराएगा. अभी इसके बारे में सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है.
यूपी-बिहार में हो सकती है बारिश
सायक्लोन, ओडिशा में गोपालपुर तटीय क्षेत्र से टकराकर आगे बढ़ सकता है तो वहीं, एक संभावना ये भी जताई जा रही है कि तटीय क्षेत्रों से टकराकर सायक्लोन वापस भी हो जाए. इस सायक्लोन से सबसे ज्यादा बर्बादी ओडिशा में होने की संभावना जताई जा रही है. सायक्लोन के असर से यूपी, बिहार में भी बारिश हो सकती है. सायक्लोन के असर से यूपी और बिहार के आसमान में छाई धुंध साफ हो जाएगी और आसमान साफ नजर आने लगेगा.
दोनों सायक्लोन बराबर ताकत वाले
2010 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तट पर एक साथ अलर्ट जारी किया गया है. अरब सागर में 'लूबान' सायक्लोन का असर जारी है और वह ओमान की तरफ बढ़ रहा है तो वहीं, अब बंगाल की खाड़ी में भी सायक्लोन की चेतावनी मिल चुकी है. दोनों सायक्लोन बराबर ताकत वाले हैं. ऐसे में पूरे देश के समुद्र तट पर रहने वाले मछुआरे घरों में बैठे हुए हैं.
मछुआरों को समुद्र किनारे न जाने की सलाह
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 72 घंटों तक ओडिशा, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को प्रभावित करेगा. इस वेदर सिस्टम के चलते भारी बारिश होने का अनुमान है. इस वजह से इन इलाकों के मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वह अगले 72 घंटों तक समुद्र में न जाएं.