
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर संसद में बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को हंगामे के साथ शुरुआत हुई. राज्यसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा किया तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ हमला बोला. इस बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि कांग्रेस की ओर से पूछे गए 10 सवालों के जवाब वे संसद में देंगे.
कांग्रेस ने इस मामले पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है. वहीं बीजेपी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए शॉर्ट टर्म डिस्कशन के लिए नोटिस दिया है.
हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घूस कांड पर बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पीएम नरेंद्र मोदी को ब्रीफ किया. ब्रीफिंग में गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोवाल भी मौजूद थे. बीजेपी के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए कांग्रेस ने भी पलटवार की तैयारी कर ली है.
कांग्रेस ने दागे 10 सवाल
कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए मोदी सरकार से 10 सवाल पूछे हैं. कांग्रेस ने इनमें पूछा है कि अगस्ता वेस्टलैंड फिनमैकेनिका पर लगे बैन को मोदी सरकार ने क्यों हटा लिया? अगस्ता वेस्टलैंड को 'मेक इन इंडिया' में हिस्सा क्यों लेने दिया गया, जबकि सीबीआई और ईडी ने इसका विरोध किया था.
कांग्रेस ने मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं. उसने पूछा है कि दो साल के कार्यकाल में सीबीआई अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ जांच पूरी क्यों नहीं कर पाई? साथ ही यह भी कि मोदी सरकार ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया, जबकि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदकर जनता के 1.14 करोड़ रुपये का नुकसान किया था.
मंत्रालय ने सीबीआई से मांगी रिपोर्ट
इन सब के बीच रक्षा मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील पर सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट के देखने के बाद ही फिनमैकेनिका के खिलाफ अगली कार्रवाई को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, जुलाई 2014 से फिनमैकेनिका के सौदों पर रोक लगी हुई है.
स्वामी ने लगाया सोनिया पर आरोप
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को राज्य सभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भारी हंगामे की स्थिति आ गई. एक दिन पहले ही राज्य सभा सांसद के तौर पर शपथ लेने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने इस घोटाले में सोनिया गांधी के शामिल होने का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में मिले रिश्वत के पैसे कई देशों के बैंक खातों में जमा हैं. इटली की एक अदालत में चल रहे मामले के आधार पर यह आरोप लगाया गया.
हालांकि इसके फौरन बाद कांग्रेस सदस्यों ने भी भारी हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस सदस्यों ने स्वामी को सीआइए का एजेंट बताना शुरू कर दिया और गुस्से में नारे लगाते हुए वे सत्ता पक्ष की ओर बढ़े. इसे देखते हुए बीच-बचाव के लिए सदन में मार्शल भी बुलाने पड़े. इस दौरान कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.