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मोदी कैबिनेट की पहली बैठक आज, तीन तलाक पर होगा फैसला

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक बिल फिर से लाने को लेकर चर्चा हो  सकती है. हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और संसद में फिर से तीन तलाक के खिलाफ बिल लाएगी.

(साकेतिक तस्वीर) (साकेतिक तस्वीर)
aajtak.in/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST

मोदी सरकार एक बार फिर से तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए बिल लाने की तैयारी में हैं. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक बिल फिर से लाने को लेकर चर्चा हो  सकती है. हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और संसद में फिर से तीन तलाक के खिलाफ बिल लाएगी.

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पिछली मोदी सरकार में तीन तलाक पर रोक के लिए बिल लोकसभा में पारित हो चुका था लेकिन राज्यसभा में अटक गया था. विपक्ष के भारी विरोध के चलते यह बिल राज्यसभा से पास नहीं हो सका था. विपक्ष इस बिल के कुछ प्रावधानों में संशोधन की मांग कर रहा है. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए का बहुमत नहीं है. लिहाजा राज्यसभा में इस बिल को पारित करना सरकार के लिए कड़ी चुनौती है. इस बिल के पारित नहीं होने पर मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई थी.

वहीं, 16वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही राज्यसभा में लंबित तीन तलाक के खिलाफ बिल का अस्तित्व खत्म हो गया. आपको बता दें कि अगर कोई बिल लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा पहुंचता है और इस दौरान लोकसभा भंग हो जाती है, तो बिल का अस्तित्व खत्म हो जाता है.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को आगामी बैठक में फौरी तीन तालक पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया बिल लाने के फैसले पर चर्चा कर सकती है. कुछ दिन पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया था कि केंद्र सरकार तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में बिल लेकर आएगी. इसलिए सरकार इस प्रक्रिया पर आगे बढ़ते हुए बुधवार को होने वाली आगामी बैठक में नए बिल लाने को फैसला पर चर्चा कर सकती है.

विपक्ष राज्यसभा में तीन तलाक बिल का विरोध करता रहा है. राज्यसभा में विपक्ष मजबूत है क्योंकि सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या यहां कम है. हालांकि लोकसभा चुनाव में अंत तक राज्यसभा में बहुमत हो जाएगा और उसके बाद मोदी सरकार के लिए अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने में आसानी हो जाएगी.

अभी हाल में 17वीं लोकसभा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है. 17 जून से संसद का सत्र भी शुरू हो रहा है जिसमें यह बिल लाया जाएगा.

फिलहाल एनडीए के पास राज्यसभा में 102 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पास 66 और दोनों गठबंनों से बाहर की पार्टियों के पास 66 सदस्य हैं. एनडीए के खेमे में अगले साल नवंबर तक लगभग 18 सीटें और जुड़ जाएंगी. एनडीए को कुछ नामित, निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन मिल सकता है.

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यदि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दे दी जाती है तो 17 जून से शुरू होने वाली 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में नया विधेयक पेश किया जा सकता है.

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