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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की लंदन में बेनामी संपत्ति के मामले में घिरे विवादित सौदेबाज संजय भंडारी पर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू किया है. दक्षिण दिल्ली में रहने वाले संजय भंडारी के घर इनकम टैक्स विभाग की ओर से अप्रैल में की गई छापेमारी से खुलासा हुआ है कि वह कुछ ही सालों में करोड़पति बन गया.
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक, संजय भंडारी ने गैरकानूनी पैसा अपने अकाउंट में लाने के लिए कई दर्जन फर्जी कंपनियां बनाईं. उसकी पत्नी सोनिया भंडारी भी इन कंपनियों के डायरेक्टर्स में शामिल है.
छापेमारी में मिले कई गोपनीय दस्तावेज
बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान भंडारी के आवास से काफी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन दस्तावेजों में डिफेंस डील से जुड़ी मीटिंग और मंत्रालयों से जुड़े कुछ गोपनीय कागजात हैं. जिसके आधार पर इनकम टैक्स विभाग ने मंत्रालय को पत्र लिखकर भंडारी पर OSA लगाने की अपील की है.
वाड्रा के लिए हुई थी घर की डील
माना जा रहा है कि भंडारी के सहयोगी सुमित चंद्रा रॉबर्ट वाड्रा के संपर्क में थे और ईमेल के जरिए उन्होंने लंदन में वाड्रा के लिए घर खरीदने पर चर्चा की थी. जिसे बाद में साल 2010 में बेच दिया गया. उस समय घर की कीमत 19 करोड़ रुपये थी. अब वाड्रा की लीगल टीम इस तरह के आरोपों से इनकार कर रही है. वाड्रा की लीगल टीम का कहना है कि न तो वह भंडारी को जानते हैं और न ही उनका ऐसी किसी डील से लेना-देना है.
सूत्रों के मुताबिक, संजय भंडारी की कंपनी को बाकी फर्जी कंपनियों से करीब 70 करोड़ रुपये मिले.
'वाड्रा की प्रॉपर्टी की जांच होनी चाहिए'
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए, अब तक ये था कि भारत में तो उनकी प्रॉपर्टी थी ही, अब बाहर का भी पता चला है. इसकी जांच होनी चाहिए.