Advertisement

आज फ्रांस जाएंगी निर्मला सीतारमण, क्या राफेल विमान जल्द लाने पर होगी बात?

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार रात को फ्रांस के दौरे पर जा रही हैं. इस दौरान वह दोनों देशों के बीच सामरिक रिश्तों को गहरा करने पर बात करेंगी. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या राफेल विमान को समय से पहले लाने पर बात होगी?

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तीन दिन की यात्रा पर बुधवार रात को फ्रांस के लिए रवाना होंगी. उनकी यह यात्रा फ्रांसीसी कंपनी दसो एविएशन से 36 राफेल विमानों की खरीद पर उठे विवाद के बाद हो रही है.

क्या है एजेंडा?

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीतारमण फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को गहरा बनाने के तौर-तरीकों और परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगी.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक सीतारमण बुधवार रात को पेरिस रवाना होंगी और वहां पार्ली से पहली रक्षा वार्ता करेंगी. उनकी यात्रा का समापन शनिवार को होगा. हालांकि, वह राफेल बेस या किसी अन्य सैन्य कारखाने का दौरा नहीं करेंगी.

राफेल की सप्लाई को लेकर होगी बात

सूत्रों के अनुसार द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा के अलावा सीतारमण भारतीय वायुसेना को फ्रांस की कंपनी दसो के द्वारा 36 राफेल जेट विमानों की आपूर्ति की प्रगति की समीक्षा करेंगी. इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वायु सेना की जरूरत को देखते हुए राफेल विमानों की जल्द आपूर्ति के बारे में रक्षा मंत्री कोई बात करेंगी?

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने साल 2016 में कहा था कि भारत को 36 महीने की तय अवधि से पहले ही फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान मिलने शुरू हो सकते हैं. उन्होंने कहा था, 'सौदे के नियमों के मुताबिक 36 महीने की अवधि दी गई है (जिसमें खेप का मिलना शुरू होना है), लेकिन यह थोड़ा पहले भी आ सकता है.'   

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में 10 अप्रैल, 2015 को तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल जेट विमानों की खरीद की घोषणा की थी. 23 सितंबर, 2016 को अंतिम रूप से यह सौदा पक्का हुआ था.  

कांग्रेस इस सौदे में बड़ी अनियमितता का आरोप लगा रही है और कह रही है कि सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से यह विमान खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार के दौरान इसका दाम 526 करोड़ रुपये तय किया गया था.

राफेल की आपूर्ति अगले साल से होनी है

कई हथियारों और मिसाइल को ले जाने में सक्षम इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति अगले साल सितंबर से शुरू होनी है. दसो एविएशन ने भारत को आपूर्ति किये जाने वाले विमानों की परीक्षण उड़ान भी शुरू कर दी है. वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ पिछले साल जुलाई में अपने फ्रांस दौरे के दौरान राफेल को उड़ा चुके हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement