
कर्नाटक के बेंगलुरु में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' में उड़ान भरी. पहली बार देश के रक्षा मंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' में उड़ान भरी. राजनाथ सिंह करीब आधे घंटे तक तेजस विमान में ही रहे. 3 साल पहले ही तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया था.
अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है. राजनाथ ने तेजस में सुबह 10 बजे उड़ान भरी और उन्होंने वापस 10.30 बजे लैंड किया. विमान लैंड कराने के बाद राजनाथ सिंह HAL के कर्मचारियों से भी मिले.
बता दें कि तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है. 83 तेजस विमानों के लिए एचएएल को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे.
तेजस में रक्षा मंत्री की यह उड़ान उस वक्त होने जा रही है जब HAL को देश में बनाए जाने वाले 83 एलसीए मार्क 1ए विमान के निर्माण के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिलने वाली है.
क्या हैं तेजस की खूबियां?
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सैन्य विमानन नियामक सेमिलैक से हल्के लड़ाकू विमान तेजस को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (एफओसी) मिल जाने के बाद सरकार के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने भारतीय वायु सेना को इस साल के अंत तक 16 तेजस विमानों की आपूर्ति के लिए तैयारी बढ़ा दी है.
वायुसेना ने HAL को बताया है कि उसे अपने अग्रिम मोर्चे के लिए 83 और एलसीए मार्क 1 की जरूरत है. हालांकि सरकार को एरोस्पेस प्रमुख की ओर से उत्पादन के लिए उनकी लागत को स्पष्ट करना अभी बाकी है.
इसके बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 28 सितंबर को भारत के कीव-स्तर के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर अरब सागर में पूरा दिन बिताएंगे. इससे पहले उसी दिन आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किया जाएगा.
नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी. INS खंडेरी भारत की दूसरी स्कार्पियन-वर्ग की मारक पनडुब्बी है, जिसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ नौसेना में शामिल किया जाएगा और 28 सितंबर को ही रक्षामंत्री विमान वाहक ड्राइडॉक की आधारशिला रखेंगे.