Advertisement

RTI एक्ट में संशोधन एक खराब कदम, सूचना आयोगों की स्वतंत्रता को कर देगा खत्म: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के आरटीआई कानून में संशोधन के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने इस फैसले को खराब कदम बताया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो- Aajtak) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो- Aajtak)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के आरटीआई कानून में संशोधन के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने इस फैसले को खराब कदम बताया है. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह केंद्रीय और राज्यों के सूचना आयोगों की स्वतंत्रता को समाप्त कर देगा, जो आरटीआई के लिए बुरा होगा.

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार आरटीआई कानून में संशोधन करने जा रही है. इसके लिए केंद्र ने लोकसभा में शुक्रवार (19 जुलाई) को एक विधेयक पेश किया था. पेश किए गए विधेयक में इस बात की जानकारी दी गई कि आयुक्तों का वेतन, कार्यकाल और रोजगार की शर्तें और स्थितियां सरकार तय करेगी.

Advertisement

आज (सोमवार) लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा होनी है. वहीं, आरटीआई एक्ट में संशोधन को लेकर राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, बीसपी और एसपी केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. वहीं, सीएम अरविंद केजरील ने भी आज ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले को खराब कदम करार दिया है.

आरटीआई कानून में संशोधन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे देश में पारदर्शिता कमजोर हो जाएगा. शुक्रवार (19 जुलाई) को विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मसौदा विधेयक केंद्रीय सूचना आयोग की स्वतंत्रता को खतरा पैदा करता है.

वहीं, कांग्रेस से शशि थरूर ने कहा कि यह विधेयक असल में आरटीआई को समाप्त करने वाला विधेयक है, जो इस संस्थान की दो महत्वपूर्ण शक्तियों को खत्म करने वाला है.

Advertisement

एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक संविधान और संसद को कमतर करने वाला है. वहीं, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस दौरान सदन से वॉकआउट किया था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement