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देश भर से दिल्ली पहुंचे सैकड़ों किसान, कल संसद की ओर करेंगे मार्च

 देशभर से आ रहे किसान दिल्ली के आसपास पहुंचना शुरू हो गए हैं. ये किसान जंतर मंतर पर इकट्ठा होंगे और संसद मार्च भी करेंगे.

दिल्ली में जुटे किसान. दिल्ली में जुटे किसान.
जावेद अख़्तर/अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

देश भर के किसान एक बार फिर राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं. पूरे देश में पदयात्रा के बाद बड़ी संख्या में किसान दो दिन के प्रदर्शन के लिए गुरुवार को दिल्ली पहुंचे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले यह किसान इकट्ठा हुए हैं. पूर्ण ऋण माफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजे की मांग और एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग को लेकर किसान रामलीला मैदान में जुटे हैं. किसान शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद की ओर कूच करेंगे.

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पिछले आंदोलन से ये आंदोलन काफी हद तक अलग है. एक तरफ किसानों की संख्या कम नजर रही है तो वहीं दूसरी ओर ये किसान बेहद व्यवस्थित हैं. इस बार इनका नेतृत्व योगेंद्र यादव कर रहे हैं.

ट्रैफिक रहा प्रभावित

किसानों के मार्च के कारण दिल्ली के कई इलाकों में यातयात प्रभावित रहा. इसका सबसे ज्यादा असर आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन और बिजवासन में देखने को मिला.

तमिलनाडु से आए किसानों के समूह ने धमकी दी अगर उन्हें शुक्रवार को संसद में जाने की इजाजत नहीं मिली वे अपने कपड़े उतार देंगे. हालांकि पुलिस का दावा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उनकी ओर से तैयारी पूरी है.

पुलिस ने जारी की थी एडवाइजरी

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने किसानों के कूच को देखते हुए एडवाइजरी जारी की, जिसमें साफ कहा है कि जंतर-मंतर पर एक हजार से ज्यादा लोगों का जमा होना प्रतिबंधित है. ऐसे में अगर किसानों की संख्या इससे ज्यादा जाती है तो उन्हें रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना होगा.

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(कहां-कहां से दिल्ली आ रहे हैं किसान, गूगल मैप में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

करीब 200 किसान संगठनों की रैली

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान-मजदूर संगठन दो दिनों तक देश की राजधानी दिल्ली में रहेंगे. किसानों की तादाद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एडवाइजरी जारी करते हुए बड़ी संख्या में जंतर मंतर पर न जुटने के निर्देश दिए हैं.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा बुलाए गए मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है. मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में इकट्ठा होने लगे हैं.

समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा करते हुए कहा कि शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा.

किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन बुलाया गया है.

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