Advertisement

ओवैसी की पार्टी पर खतरा, रजिस्ट्रेशन रद्द करने को लेकर HC ने EC से मांगा जवाब

ओवैसी और उनकी पार्टी का विवादों से पुराना नाता है. वोट पाने के लिए किसी दूसरे धर्म, संप्रदाय के खिलाफ इन्हें बोलने में कोई हर्ज नहीं. याचिका में यही आरोप लगाते हुए ओवैसी की पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की गई है.

असदुद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो असदुद्दीन ओवैसी की फाइल फोटो
पूनम शर्मा/रविकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (एआईएमआईएम) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने को लेकर दर्ज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ओवैसी और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि ओवैसी की पार्टी ने संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है, इसलिए उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाना चाहिए.

Advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील विष्णु नारायण जैन ने जनहित याचिका दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है ओवैसी की पार्टी के नेता वोट लेने के लिए भड़काऊ और नफरत भरे भाषण देते हैं, जो जनप्रतिनिधि एक्ट 1951 का खुला उल्लंघन है. जनप्रतिनिधि एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के जरिये वोट मांगने पर रोक लगाती है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एआईएमआईएम को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. तीन दिसंबर को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी.

याचिकाकर्ता का कहना है कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम वोट पाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं को खुलेआम गालियां देती है. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश दिखाया जिसमें साफ तौर से लिखा हुआ है कि धार्मिक आधार पर देश में वोट नहीं मांगे जा सकते.

Advertisement

याचिका में यहां तक कहा गया है कि ओवैसी की पार्टी का रजिस्ट्रेशन अगर रद्द नहीं किया गया तो देश में यह दूसरे बंटवारे की वजह हो सकती है. याचिका में कहा गया है कि जिस पार्टी का आधार ही सांप्रदायिक है, वो धर्मनिरपेक्ष कैसे रह सकती और निष्पक्ष चुनाव देश मे बाधित कर सकती है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम मुस्लिम लीग की कार्बन कॉपी है.

ओवैसी का विवादों से नाता

असदुद्दीन ओवैसी का विवादित बयानों से पुराना नाता है. बीते जून में महाराष्ट्र के बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि अगर तुम्हें (मुस्लिम) जिंदा रहना है तो अपने हक के लिए लड़ो और सिर्फ अपने लोगों को जिताओ. ओवैसी का ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था.

इससे पहले भी ओवैसी कई बार अपने आक्रोशित बयानों के कारण चर्चा में रह चुके हैं. अपने भाषण के दौरान ओवैसी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी रहे. उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान देश में राजनीतिक शक्ति बनेंगे तभी लोकतंत्र सुरक्षित रह पाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement