
ऐसा पहली बार होगा जब केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली के साउथ, नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी की परफॉर्मेंस रैंकिग जारी की है. चौंकाने वाली बात ये है कि तीनों निगमों में से कोई भी टॉप 10 में शामिल नहीं हो पाया.
वहीं 10 लाख से कम की आबादी वाले नगर निगमों में ऩई दिल्ली नगर पालिका पारिषद पहले नंबर पर रही. एनडीएमसी (ऩई दिल्ली नगर पालिक परिषद) और इंदौर दो ऐसे नगर निगम हैं वो टॉप रैंकिंग में शामिल रहे.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने ईज़ ऑफ लिविंग इंडेक्स (जीवन जीने की आसानी) की रैंकिंग में एसडीएमसी को 51 में से 28, ईस्ट दिल्ली एमसीडी को 42 और नॉर्थ दिल्ली नगर निगम को 48 वां स्थान हासिल हुआ है.
वहीं रहने के लिए शहरों की जारी सूची में दिल्ली ने भी निराश किया जो 13 वें नंबर पर रही. हालिया एमसीडी के 5 वॉर्ड के चुनाव पर 1 सीट जीतकर उत्साहित दिल्ली कांग्रेस बीजेपी और कांग्रेस पर हमलावर हो गई.
साउध दिल्ली म्यूनिसिपल कांग्रेस में एसडीएमसी के नेता अभिषक दत्त केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “दिल्ली सरकार का 60 हज़ार करोड का बजट है. इसके बाद भी सारा पैसा प्रचार में लगाएंगे तो कैसे चलेगा.”
अभिषेक ने कहा कि उपचुनाव में 5 सीटें जीतनी वाली केजरीवाल सरकार ने मौका दिया है. ऐसे में 8 महीने में सफाई सैनिकों का रुका वेतन, पेंशन समय पर देते हैं या नही. क्योंकि अब तक केजरी सरकार कोर्ट के निर्देश के बाद ही पैसे देती रही है.