Advertisement

MLA कपिल मिश्रा की शिकायत करने वाले दूरसंचार अधिकारी को सस्पेंड किया गया

दिल्ली के एमएलए कपिल मिश्रा का पुलिस में श‍िकायत करना दूरसंचार विभाग के एक अध‍िकारी आशीष जोशी को महंगा पड़ गया है. उन्हें विभाग ने सस्पेंड कर दिया है. जोशी ने सोशल मीडिया पर पत्रकारों को धमकी देने के मामले मेें 9 टेलीकॉम कंपनियों को भी नोटिस भेजा था.

आशीष जोशी को निलंबित किया गया (फोटो: ट्विटर) आशीष जोशी को निलंबित किया गया (फोटो: ट्विटर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने वाले दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधि‍कारी आशीष जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मंगलवार को संचार मंत्रालय के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने इस बारे में आदेश जारी किए.

आशीष जोशी ने सोमवार को ही दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी कि उन्होंने आम लोगों को भड़काने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया और यू-ट्यूब पर अपलोड किया है जो इंडियन पीनल कोड और आईटी एक्ट का सरासर उल्लंघन है. आशीष जोशी ने दिल्ली पुलिस प्रमुख अमूल्य पटनायक को एक पत्र लिखकर कहा था, ‘कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपना एक भड़काऊ वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह लोगों को कुछ नागरिकों पर हमले के लिए उकसा रहे हैं. यह वीडियो आईपीसी और आईटी एक्ट का उल्लंघन है.’

Advertisement

इसके पहले पिछले हफ्ते आशीष जोशी ने कुछ प्रमुख पत्रकारों सहित कई लोगों को व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया पर धमकी देने और आतंकित करने की शिकायत के आधार पर 9 टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस भेजकर उनसे 15 दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट मागी थी.  

दूरसंचार विभाग के सहायक महानिदेशक (एसईए) ओपी जयरथ ने दूरसंचार विभाग में कंट्रोलर ऑफ कम्युनिकेशंस आशीष जोशी को निलंबित करने का आदेश जारी किया है. दूरसंचार विभाग के 26 फरवरी के आदेश के अनुसार, ‘सक्षम प्राधिकरण ने वरिष्ठ प्रशासनिक स्तर (एसएजी) के अधिकारी आशीष जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.’ जोशी, कंट्रोलर ऑफ कम्युनिकेशंस, उत्तराखंड में तैनात हैं.

पद के दुरुपयोग को बताई वजह

विभाग के सूत्र कहते हैं, 'जोशी के निलंबन का कारण यह है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है, लोगों को भ्रम की स्थिति में रखा है और आचरण के नियमों का उल्लंघन किया है और उन्होंने यह काम निजी तौर पर नहीं किया बल्कि आधिकारिक स्तर पर किया.'

Advertisement

इस आदेश में कहा गया है कि इस निलंबन की अवधि के दौरान जोशी को गुजर-बसर भत्ता दिया जाएगा, जो उनके मूल वेतन का 50 फीसदी होगा. आदेश में कहा गया है कि इस दौरान जोशी सक्षम अधिकारी की बिना अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement