
दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में जो भिड़ंत हुई उसकी वजह सिर्फ एक गलत जानकारी बन गई थी. तीस हजारी कोर्ट में जो कुछ हुआ उसपर दिल्ली पुलिस ने जांच बैठाई थी, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आ रही है. साथ ही ये भी पता लगा है कि हिंसा करने वाले अधिकतर वकील बाहरी थे, वो तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले नहीं थे.
दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो तीस हजारी कोर्ट में लॉकर के अंदर पुलिस के द्वारा वकील की पिटाई की गलत जानकारी फैलाई गई, जिससे माहौल बिगड़ा.
दिल्ली बार एसोसिएशन में 5 नवंबर को वोटिंग होनी थी, इसीलिए कोर्ट में वकील प्रचार करने के लिए आए थे. उनके साथ कुछ बाहरी लोग भी थे. तभी ये बात फैल गई कि एक वकील को पुलिस वालों ने खींचा और काफी पीटा. तभी वकीलों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिसवालों पर हमला बोल दिया.
अभी तक इस जांच में किसी वकील का बयान रिकॉर्ड नहीं किया गया है. तीन वकीलों की जांच हुई है, जिसमें एक महिला भी शामिल है. इसके लिए कई कॉन्स्टेबल की मदद ली गई है, जो तिहाड़ जेल से रोजाना ही कोर्ट जाते रहे हैं. उनका कहना है कि जिन वकीलों ने तीस हजारी कोर्ट में हिंसा भड़काई थी, वो बाहरी वकील थे तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले नहीं थे.
इस मामले की जांच कर रही SIT को घायल पुलिसवालों ने बताया कि ये हमला पूरी तरह से प्लान था और उन्हें खुद को बचाने के लिए भागना पड़ा. वहीं हवाई फायर करने वाले जवान का कहना है कि उसने जो किया वो आत्मरक्षा में किया, क्योंकि तब वह अपने सीनियर को बचाने की कोशिश कर रहा था.
फायर करने वाले वकील ने कहा कि बड़ी संख्या में वकील लॉकअप में घुस रहे थे, जहां पर अंडरट्रायल कैदी मौजूद थे. ऐसे में उसे फायर करना पड़ा.
किस बात पर भड़की थी हिंसा?
गौरतलब है कि दो नवंबर को पार्किंग को लेकर विवाद के बाद वकील और पुलिसवालों में बहस हुई थी. इसी के बाद खबर आई कि पुलिसवालों ने लॉकअप में एक वकील को पीटा है, जिसके बाद वकीलों ने वहां प्रदर्शन किया. जीप समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई.
इसके बाद वकीलों के द्वारा कई जगह पर पुलिसवालों को पीटा गया था, इसी के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने मुख्यालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया था और वकीलों पर एक्शन की मांग की थी. दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर करीब 10 हजार जवानों ने प्रदर्शन किया.