
दिल्ली की 'आप' सरकार ने पावर प्लांट में कोयले के स्टॉक की कमी का मुद्दा एक बार फिर से उठाया है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखकर कोयले की कमी के बारे में जानकारी दी है.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली- एनसीआर के थर्मल जनरेटिंग स्टेशनों में कोयले का 15 दिन का स्टॉक होना चाहिए लेकिन फ़िलहाल केवल डेढ़ दिन का कोयला ही बचा हुआ है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक पिछले दस दिनों से लगाकर कोयले के स्टॉक में कमी आ रही है और इस समय केवल 90 हजार मीट्रिक टन ही कोयला है, जबकि 15 दिन के स्टॉक के हिसाब से 8.40 लाख टन कोयला होना चाहिए. अगर इसी तरह से कोयले में कमी होती रही तो दिल्ली में बिजली की सप्लाई पर असर पड़ सकता है.
बता दें कि दादरी 1, 2, झज्जर और बदरपुर पावर प्लांट से दिल्ली को करीब दो हजार मेगावॉट बिजली मिलती है. दिल्ली सरकार ने मई में भी कोयले की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि रेलवे की ओर से ट्रांसपोर्टेशन रेक्स मुहैया नहीं करवाए जा रहे हैं, जिसके चलते कोयले की ढुलाई नहीं हो पा रही है. ऊर्जा विभाग के मुताबिक 17 जून को 1.81 लाख टन कोयले का स्टॉक था, जो अब घटकर 90 हजार टन रह गया है.
सत्येंद्र जैन ने ख़त के जरिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से अपील की है कि कोयले की कमी को लेकर रेलवे से बात की जाए और इस समस्या को सुलझाया जाए. अगर कोयले का स्टॉक इसी तरह से कम होता गया तो फिर पावर प्लांट के लिए कोयला नहीं बचेगा और दिल्ली में बड़े स्तर पर बिजली कटौती होगी.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली- एनसीआर के थर्मल जनरेटिंग स्टेशनों में कोयले का 15 दिन का स्टॉक होना चाहिए लेकिन फ़िलहाल केवल डेढ़ दिन का कोयला ही बचा हुआ है.