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दिल्ली पर राहुल गांधी का डिप्लोमैटिक रुख- एक ट्वीट से साधे चार निशाने

पिछले 8 दिनों से राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही, लेकिन अप्रत्याशित तौर पर देश के 2 शीर्ष नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से इस पर चुप्पी बनी हुई थी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:57 PM IST

एक दिन बाद अपने जीवन के 48वें वसंत में प्रवेश करने जा रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से जारी धरने-प्रदर्शन पर एक ट्वीट किया है जिस पर दोनों पक्षों पर हमला तो किया, लेकिन यह नहीं बताया कि वो खुद किसके साथ हैं.

दिल्ली में इस समय गरमी के साथ-साथ राजनीतिक सरगरमी भी काफी तेज है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके 3 मंत्री एलजी हाउस में पिछले 8 दिनों में धरने पर बैठे हैं, जिसके जवाब में राज्य की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सीएम हाउस में धरना कर रही है.

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8वें दिन खुद राहुल ने तोड़ी चुप्पी

पिछले 8 दिनों से राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही, लेकिन अप्रत्याशित तौर पर देश के 2 शीर्ष नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से इस पर चुप्पी बनी हुई थी.

हालांकि कई अन्य दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दी, शिवसेना के बाद अब केंद्र में सत्तारुढ़ एनडीए में सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने भी खुलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, 'हम न धरने के पक्ष में हैं और न ही धरने का विरोध करने वालों के साथ. हालांकि केजरीवाल की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग और मामले में पीएम मोदी के दखल देने का समर्थन जरूर करते हैं.'

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इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कहा था कि इस मामले पर कांग्रेस को अपना पक्ष रखना चाहिए. ममता बनर्जी ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था. उन्हें धरना दे रहे केजरीवाल से मिलने से रोका गया था. उन्होंने कहा था कि इसके खिलाफ वह पीएम से शिकायत करेंगी.

इस घटनाक्रम के बाद 8वें दिन की शाम होते-होते राहुल ने साहस दिखाया और इस पूरे प्रकरण पर ट्वीट कर दिया और अपने इस ट्वीट के जरिए केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोल डाला. उनके ट्वीट की खास बात यह रही कि उन्होंने अपनी बात भी कह दी और किसी का पक्ष भी नहीं लेते दिखे. उन्होंने बीजेपी और आप से बराबर की दूरी बनाने की कोशिश भी की.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एलजी ऑफिस में धरने पर बैठे हैं, जबकि बीजेपी सीएम आवास पर धरना कर रही है. दिल्ली के नौकरशाह प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने पूरे मसले पर आंखें मूंद रखी है. दिल्ली में ड्रामे से जनता परेशान है.

PM या CM किसी को नहीं छोड़ा

कांग्रेस अध्यक्ष का यह ट्वीट सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधता है जो अपने 3 अहम मंत्रियों के साथ एलजी ऑफिस में पिछले आठ दिनों से धरने पर हैं. उसके बाद इसी ट्वीट में बीजेपी पर भी हमला किया जो केजरीवाल सरकार के धरने के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास पर धरने पर बैठी है.

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उनके इस ट्वीट का तीसरा निशाना बने नौकरशाह, जो पूरे झगड़े की जड़ हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिए उन पर कटाक्ष किया कि नौकरशाह तो प्रेस कॉन्फ्रेन्स में बिजी हैं.

ट्वीट के जरिए उन्होंने चौथा और सबसे अहम निशाना साधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर. जिन्होंने 18 जून की शाम से पहले राहुल की तरह इस प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है. राहुल ने कहा कि राज्य में अराजक स्थिति बन रही है और प्रधानमंत्री ने इस पर आंखें मूंद रखी हैं.

अंत में उन्होंने पूरे प्रकरण को ड्रामा करार किया और कहा कि ड्रामा जारी है और दिल्ली की जनता इससे त्रस्त है.

राहुल की तरह कांग्रेस ने भी इस मसले पर अपनी स्थिति साफ नहीं की है. राहुल ने ट्वीट के जरिए धरने-प्रदर्शन से जनता को बेहाल बताया और इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार भी बता डाला.

आपको बता दें कि दिल्ली कांग्रेस के नेता चाहे अजय माकन हों या शीला दीक्षित, आम आदमी पार्टी से हाथ मिलाने के मूड में नजर नहीं आते. हालांकि, कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त सरकार बनने और सीएम एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण के मौके पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक ही मंच पर नजर आए थे.

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