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पानी को लेकर 'लाल' हुई दिल्ली की जनता, केजरीवाल के खिलाफ दिखा आक्रोश

सरला ने बताया कि घर में पानी न आने से वो पार्क में लगे ट्यूबवेल से पानी लेते थे. बिना फिल्टर पानी पीने से ही उनके पति को किडनी की समस्या हो गई.

पानी के लिए मारामारी, फाइल फोटो पानी के लिए मारामारी, फाइल फोटो
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली ,
  • 01 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली पानी के भयंकर संकट से गुजर रही है. राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में पानी की कमी को लेकर हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी केजरीवाल पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. उधर कांग्रेस राज्य में जल सत्याग्रह कर रही है.

पानी पर नेताओं की राजनीति में उस जनता का क्या कसूर जो बिजली, पानी के लिए टैक्स अदा करती है और इसके बावजूद उसको पानी जैसी जरूरत की चीज से महरूम रहना पड़ता है.

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कुछ ऐसा ही मामला है दिल्ली के पॉश इलाके सफदरगंज एन्कलेव का है. यहां पर रहने वाले 93 साल के बुजुर्ग शख्स जब अपने घर आए तो उनको पानी ही नहीं मिला. जी हां, 93 साल के पीके अग्रवाल एयर इंडिया से रिटायर हैं. बीमारी से हर रोज़ लड़ रहे हैं. हफ्ते में दो बार किडनी की डायलिसिस होती है. इसी हफ्ते डायलिसिस होने के बाद जब वह आए तो घर में बिल्कुल भी पानी नहीं था.

उनकी पत्नी 89 साल की सरला अग्रवाल के दोनों कंधे बदले गए हैं. सरला कहती हैं कि जितना इनकी बीमारी ने नहीं सताया उतना पानी परेशान कर रहा है. सरला और पीके अग्रवाल का बेटा लंदन से सफदरजंग एन्क्लेव मां-बाप को देखने आए हुए हैं पर पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. सरला ने बताया कि घर में पानी न आने से वो पार्क में लगे ट्यूबवेल से पानी लेते थे. बिना फिल्टर पानी पीने से ही उनके पति को किडनी की समस्या हो गई.

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ये कहानी अकेले सरला की नहीं है. सफदरजंग एन्क्लेव बी-4 ब्लॉक की करीब हर कोठी का यही हाल है, जहां 100 परिवार रह रहे हैं. निवासियों का कहना है पानी की समस्या पुरानी है और जून के महीने में बढ़ जाती है. पाइप 50 साल पहले बिछाई गई थी, लेकिन साफ नहीं होती और पानी के साथ मिट्टी और सीवर का पानी मिक्स होकर आता है. पानी का फ्लो, लेवल तो हर साल बदलता है पर 50 साल पहले बिछी हुई पानी की पाइप एक बार भी जल बोर्ड ने नहीं बदली. पानी के पाइप को रि-डिजाइन करने की ज़रूरत है.

एक और निवासी बीबी तिवारी का कहना है कि स्मार्ट सिटी की बातें तो सरकारें करती हैं, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई ध्यान नहीं देता. जनसंख्या बढ़ने के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने की ज़रूरत है. वहीं एक स्थानीय निवासी रोहिणी में पढ़ाती हैं और पीने के पानी का बोतल वहीं से भरकर लाती हैं, जिससे उन्हें इन्फेक्शन भी हो चुका है.  

इलाके में रहने वाले निवासियों ने आरोप लगाया कि पानी का वितरण न्याय संगत नहीं है. सफदरजंग एन्क्लेव की कोठियों में पानी नहीं आता, क्योंकि हम वोट नहीं देते. एक रेजिडेंट ने कहा कि अर्जुन नगर में पानी की किल्लत कभी नहीं होती, क्योंकि उनके वोट मिलते हैं. कोठियों के लोग तो वोट देने के दिन घर से निकलते ही नहीं.

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बी-4 ब्लॉक डीडीए के एप्रूव्ड प्लॉट पर बना है, लेकिन खिड़की, कोटला मुबारकपुर, मालवीय नगर और कुछ अवैध बस्तियों के बसने से कोठियों का पानी बांट दिया गया. इसी कारण पानी की समस्या लगातार जारी है.

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