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राहुल गांधी बोले- नोटबंदी आतंकी हमले की तरह, देश की अर्थव्यवस्था को किया बर्बाद

नोटबंदी के तीन साल पूरा होने पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी की बीमारियों का शर्तिया इलाज धराशायी हो गया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि नोटबंदी एक आपदा थी, जिनसे हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली/कोलकाता,
  • 08 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में आज यानी 8 नवंबर का दिन एक खास दिन के तौर पर दर्ज है. अब से तीन साल पहले यानी 2016 में 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट को बंद करने का ऐलान किया था. नोटबंदी को लेकर विपक्ष हमेशा मोदी सरकार पर हमलावर रहा है.

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राहुल गांधी बोले- नोटबंदी हमले के जिम्मेदार लोगों को मिले सजा

अब नोटबंदी के तीन साल पूरा होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे आतंकी हमले की तरह बताया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी के आतंकी हमले ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया. नोटबंदी से लाखों छोटे कारोबार तबाह हुए और बेरोजगारी बढ़ी है. नोटबंदी ने कई लोगों की जान भी गई. राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए.

नोटबंदी पर धराशायी हुए सरकार के सारे दावे

नोटबंदी के तीन साल पूरा होने पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी की बीमारियों का शर्तिया इलाज धराशायी हो गया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि नोटबंदी एक आपदा थी, जिनसे हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी. इस तुगलकी कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?

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ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए क्या कहा?

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फैसले से किसान, युवा और रोजगार सब प्रभावित हुए थे. मैंने पहले ही दिन कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था और लोगों की जिंदगी बर्बाद होगी. ममता ने कहा कि आज विशेषज्ञ भी नोटबंदी के नुकसान को मान रहे हैं.

नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर क्या बोलीं मायावती?

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा बिना पूरी तैयारी के जल्दबाजी में किए गए नोटबंदी के दुष्परिणाम पिछले 3 वर्षों से सामने आ रहे हैं. देश में बढ़ती बेरोजगारी और बिगडत़ी आर्थिक स्थिति इसी का मुख्य कारण है, जिसपर जनता की पैनी नजर है.

नोटबंदी को विपक्ष ने बताया था इमरजेंसी

बता दें कि पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में अफरातफरी जैसा माहौल था, बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी थीं. विपक्ष ने इसे इमरजेंसी करार दिया था. सरकार ने ऐलान करते हुए कहा था कि देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. जिसके बाद 500 के नए नोट और 2000 रुपये के नोट जारी किए गए.

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