
नोटबंदी से अभी तक इंसानों के परेशान होने की खबरें आपने कई सुनी होंगी लेकिन अब इसका असर जानवरों पर भी पड़ने लगा है. कैश की कमी के कारण एटीएम बंद पड़े हैं, बैंको के बाहर लंबी कतारें हैं लेकिन अब नोटबंदी से इंसान नहीं बल्कि गायों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है. जी हां, नोटबंदी के बाद से गौशालाओं को मिलने वाला नगद दान कम हो गया है. ये हम नहीं बल्कि खुद गौशाला संचालकों का कहना है.
नहीं मिल रहा है कैश दान
पुराने यमुना पुल के पास गौशाला, जहां तकरीबन 150 गाय हैं, वहां चारे की व्यवस्था दान के दिए पैसों से होती है लेकिन नोटबंदी के बाद आदमी जब खुद दो वक्त की रोटी के लिए बैंक की कतार में खड़ा है तो ऐसे में गायों के लिए दान के पैसों की व्यवस्था कहां से करेगा. गौशाला चलाने वाले रूपेश के मुताबिक कैश की कमी ने दान दाताओं की संख्या पर खासा असर डाला है. रूपेश के मुताबिक एक तरफ तो दान नहीं आ रहा दूसरी तरफ जो चारा अभी है भी वो तेजी से खत्म हो रहा है क्योंकि चारा लाने के लिए जो भी गाड़ी वाला आता है वो कैश में भुगतान मांगता है.
आईएसबीटी के पास बनी एक गौशाला में भी नोटबंदी के बाद से दान देने वालों की कमी आई है. हालांकि यहां की गायें खुशकिस्मत हैं कि पास के ही मंदिर के महंत चारे की व्यवस्था कर देते हैं.
चारे के बंदोबस्त में छूट रहे पसीने
ठंड अपना असर दिखाना शुरू कर चुकी है और इस मौसम में गायों की खुराक बढ़ानी होती है लेकिन ताजा हालातों में तो फिलहाल मिल रही खुराक को ही संभाल पाने में गौशाला संचालकों के पसीने छूट रहे हैं.