
घने कोहरे के कारण नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे के बीच कम से कम 41 उड़ानें देरी से चल रही थीं. हालांकि शनिवार सुबह शहर के वायु प्रदूषण में कमी आई है.
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के एक अधिकारी ने 6 दिसंबर को दावा किया था कि घने कोहरे के दौरान उड़ान संचालन को संभालने के लिए इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) पूरी तरह से तैयार है. लेकिन अगले ही सप्ताह 362 उड़ानों में देरी हुई और 38 रद्द कर दी गईं.
20 दिसंबर को यात्रियों को फिर से आश्वासन दिया कि अब सर्दियों से निपटने के लिए बेहतर हैं. लेकिन 5 दिन बाद ही 25 दिसंबर को, आईजीआईए की वेबसाइट ने लिखा कि खराब दृश्यता के कारण 200 से अधिक उड़ानों में देरी हुई.
वास्तव में, दिसंबर के पहले सप्ताह से, भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे पर उड़ानों में देरी हुई और कई फ्लाइटें निरस्त हुई हैं. यहां हर दिन 1,300 से ज्यादा फ्लाइटें आती और जाती हैं.
दिल्ली के व्यवसायी दिनेश कुमार के लिए शुक्रवार की सुबह कुछ न कहने वाली निराशा लेकर आई. उन्हें इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) में तीन घंटे तक विमान के अंदर छोड़ दिया गया था. घने कोहरे के कारण टेक ऑफ में देरी होती रही.
दिल्ली के एक अन्य व्यवसायी ने कहा, "आमतौर पर एयरलाइंस यात्रियों को शेड्यूल में बदलाव के बारे में सूचित करने के लिए टेक्स्ट मैसेज या ई-मेल भेजती है. हालांकि, ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपडेट जारी किया, लेकिन यह हमेशा सभी के लिए मददगार नहीं है."