
चाहे सिक्किम बॉर्डर पर मनमानी रोकने से युद्ध की धमकियां देते चीन की बात हो, या फिर आतंकियों की सप्लाई के लिए लाइन ऑफ कंट्रोल पर गोलाबारी करते पाकिस्तान की बात हो. लाइन ऑफ कंट्रोल पर गोलाबारी या फिर कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकियों के कायराना हमले हों.
इस वक्त देश उन बड़ी चुनौतियों से एक साथ लड़ रहा है, जिन्हें आर्मी चीफ ने कुछ दिन पहले ही ढाई मोर्चे की लड़ाई बताया था. लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए इस ढाई मोर्चे की लड़ाई में चीन और पाकिस्तान हमारे लिए आने वाले वक्त में पूरा ज़ोर लगाकर मुश्किलें खड़ी नहीं करेंगे, इसलिए वक्त आपस में लड़ने का नहीं बल्कि चीन-पाकिस्तान से एक साथ भिड़ने का है.
सिक्किम बॉर्डर पर भारत के सख्त स्टैंड से बौखलाया चीन हो, या फिर आतंकवादियों की कमर तोड़ने से परेशान पाकिस्तान हो. ये दोनों मिलकर भारत को हर तरीके से चुनौतियां पैदा करने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. सिक्किम बॉर्डर पर तनातनी को लेकर चीन का कश्मीर को बीच में लेकर आना और इसी दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तान की गोलाबारी बढ़ा देना. ये सब इसी का संकेत है. केरन सेक्टर में बुधवार को पाकिस्तान की गोलाबारी में 2 जवान शहीद हो गए.
चीन पिछले तीन दिन से कश्मीर की बात करने लगा है. पिछले तीन दिन से पाकिस्तान भी लाइन ऑफ कंट्रोल पर गोलाबारी कर रहा है. चीन धमकियां दे रहा है कि जिस तरह से भूटान का बहाना बनाकर भारत चीन के इलाके में घुसा है, उसी तरह से पाकिस्तान के नाम पर चीन कश्मीर के इलाके में भी घुस सकता है. ऐसी धमकियां चीन के मीडिया के जरिए लगातार आ रही है.
अगर भूटान के भारत के साथ बहुत करीबी संबंध हैं तो चीन के पाकिस्तान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. क्या आप सोचते हैं कि इसमें पाकिस्तान को भी शामिल किया जा सकता है. अगर भूटान के नाम पर भारत दखल दे रहा है तो चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकता. भारत की सरकार और भारत की सेना को ये पता नहीं कि जिस तरह से वो चीन बॉर्डर पर भूटान के साथ मिलकर जिन्न से भरी बोतल खोल रहे हैं, मामला हाथ से निकल जाएगा और जब धूल साफ होगी तो भारत को गलती का एहसास होगा, जो हरकतें युद्ध की तरफ जा सकती हैं?
ये चीन के पैंतरे हैं जिनमें डोकलाम के इलाके में मनमानी करने के लिए अब कश्मीर का नाम लेकर पाकिस्तान की तरफ से भी धमकियां देने के इशारे दिए जा रहे हैं. लेकिन आज भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी भारत का रुख साफ कर दिया कि कश्मीर मुद्दे के बारे में कोई तीसरा देश सोचे भी नहीं और कश्मीर में मुद्दा है तो वो सीमा पार से हो रहा आतंकवाद है.
अचानक कश्मीर की बात लेकर आना चीन की परेशानी को बताता है क्योंकि चीन ने डोकलाम के मुद्दे को नाक का सवाल बना लिया है, जिसमें दूसरी कोई बात ना करने और भारत को अपने सैनिक हटाने के लिए कहने की पहली शर्त है. लेकिन भारत ने कहा है कि उसका रुख वही है, जो पहले था. कूटनीतिक तरीके मौजूद हैं उसी के ज़रिए चीन बात करे.
चीन को ये सीधी बात समझ में नहीं आ रही है कि डोकलाम की ज़मीन पर भूटान का दावा है. भूटान से बॉर्डर मुद्दे पर उसकी 28 बार बातचीत फेल हो चुकी है. अब जब वो सड़क बनाने के नाम पर भूटान की ज़मीन पर कब्ज़ा करने आया और भूटान ने इसको रोकने के लिए भारत से मदद मांगी, तो वो ये नहीं कह सकता कि भूटान के बहाने भारत डोकलाम में आया. चीन अभी इसी में लगा है कि इस तरह की धमकियां देकर डराया जाए.