
अमेरिका की एक व्यावसायिक पत्रिका में प्रकाशित लेख के अनुसार भारत ने भविष्य में अभूतपूर्व दर से आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल मार्ग का विकल्प अपनाया है, लेकिन देश को इसकी पूरी संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है.
अमेरिका की प्रबंधन पत्रिका हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में बुधवार को प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भारत में सरकार की अगुवाई में डिजिटल उठा-पटक की एक अनोखी कहानी कही जा रही है और वहां डिजिटल रूप से सशक्त समाज का निर्माण किया जा रहा है.
'कैसे भारत पहली डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है' शीर्षक से लिखे लेख में कहा गया है, भारत ने इसकी चुनौतियों को कम करने के लिए डिजिटल प्रक्रिया को धीमा करने के बजाए विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है और डिजिटल प्रक्रिया को तेज कर दिया है, ताकि देश आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में समावेशी विकास हासिल करने की पूरी संभावनाओं का लाभ उठा सके.
इस लेख को लिखने वाले दोनों शोधार्धियों अरविंद गुप्ता और फिलिप आर्सवाल्ड ने कहा कि लंबे समय के लिए भारत का विकास उतार चढ़ाव और गैर बराबरी भरा रहा है. उन्होंने कहा कि देश को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए भी अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है. इसमें कहा गया है कि डिजिटल क्रांति में व्यवधान कई महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौतियां पैदा करने वाले हो सकते हैं.
गुप्ता आइजनहोवर इन्नोवेशन फेलो और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के डिजिटल अर्थव्यवस्था और समाज के भविष्य पर काम करने वाली परिषद के सदस्य हैं. वह बीजेपी के प्रौद्योगिकी प्रभाव से भी जुड़े हैं. आर्सवाल्ड जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी के शार स्कूल फॉर पॉलिसी एंड गर्वमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर हैं.