
'एजेंडा आजतक' के मंच पर मंगलवार को राजनीति जगत के तीन बड़े चेहरे एक साथ पहुंचे तो कई मुद्दों पर न सिर्फ जमकर बहस हुई बल्कि एक-दूसरे की टांग खींचने का सिलसिला भी चल पड़ा. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह, बीजेपी के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जयललिता, राजनीति, नोटबंदी और राष्ट्रवाद समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.
टूट की कगार पर एआईएडीएमके
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन पर तीनों नेताओं ने दुख जताया. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जयललिता के निधन से एक राजनीतिक खाई बनी है और अब उनकी पार्टी एआईएडीएमके विभाजन की तरफ बढ़ेगी. स्वामी ने कहा कि जयललिता की करीबी रहीं शशिकला पार्टी पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करेंगी लेकिन उनके पास राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं हैं.
नोटबंदी पर एक सुर में बोले दिग्विजय और ओवैसी
नोटबंदी का मुद्दा छिड़ा तो दिग्विजय सिंह और ओवैसी के सुर मिलते नजर आए. दिग्विजय ने कहा कि नोटंबदी से काला धन, भ्रष्टाचार, नकली करंसी और आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी. उन्होंने कहा कि इससे लोगों का रोजगार छिन रहा है और आगे हालात और खराब होंगे. ओवैसी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करके उन गरीबों का पैसा छीन लिया है, जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी बुरी तरह एक्सपोज हो रही है और वो उम्मीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में जनता समझदारी से सरकार चुने.
स्वामी और ओवैसी ने खींची एक-दूसरे की टांग
चर्चा के दौरान एक मौका ऐसा भी आया जब तीनों नेता एक-दूसरे की टांग खींचते दिखे. सुब्रमण्यम स्वामी ने ओवैसी से कहा कि उन्हें सपनों में भी पीएम मोदी ही नजर आते हैं तो ओवैसी ने भी ये कहते हुए बाजी मार ली कि उन्हें भी दिन-रात अरुण जेटली का ही ख्याल रहता था. ओवैसी का ये कहना था और पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
सुब्रमण्यम स्वामी ने आखिर में कहा कि भले ही उनके और ओवैसी के बीच राजनीतिक मतभेद हों लेकिन उन्हें ओवैसी की देशभक्ति पर कोई संदेह नहीं है.