
आम आदमी पार्टी की 6वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अंदरूनी झगड़ा देखने और सुनने तो नहीं मिला, लेकिन जब बैठक खत्म हुई तो कार्यकर्ताओं का गुबार फूट पड़ा. कुमार विश्वास और अमानतुल्ला खान के समर्थकों ने अपने नेताओं के पक्ष में जमकर नारेबाजी की, हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों नेताओं की कार को समर्थकों ने घेर लिया.
दोनों पक्षों के कार्यकर्ता सुबह 9 बजे से ही फार्म हाउस के पास इकट्ठे हो गए थे. इन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. करीब 7 घंटे चली मीटिंग में कार्यकर्ता भी अंदर की खबरों को लेकर बेचैन दिखाई दिए और अपने-अपने सूत्रों से अंदर चल रही मीटिंग की जानकारी जुटाने में लगे रहे.
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने अरविंद केजरीवाल सबसे आखिर में पहुंचे और 1 घंटे के अंदर ही भाषण देकर लौट गए. केजरीवाल के बाहर निकलते ही बैठक खत्म हो गई. इसके बाद सबसे पहले कुमार विश्वास की कार गेट से बाहर आई और उन्होंने मीडिया से बातचीत की. कुमार की कार के पीछे बाकी नेताओं की गाड़ियों की भी लंबी कतार लग गई. इस दौरान रिजॉर्ट के दूसरे गेट को खोल दिया गया, जहां से सबसे पहले निलंबन से राहत पाने वाले विधायक अमानतुल्लाह की कार बाहर निकली और फिर यहीं से हंगामे की शुरुआत हुई.
अमानतुल्लाह खान के समर्थकों ने कुमार विश्वास की कार को घेरकर नारेबाजी की और कुमार के समर्थकों ने अमानतुल्लाह की कार को घेरकर नारे लगाए. यह सब करीब 15 मिनट तक चला और दोनों नेताओं के समर्थक फार्म हाउस के बाहर नारेबाजी करते रहे. बैठक में कुमार को नहीं बोलने देने पर उनके समर्थक भड़क गए थे तो वहीं निलंबन रद्द होने पर अमानत के समर्थक खुशी जाहिर कर रहे थे.
कुमार विश्वास के समर्थकों ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि कुमार को दरकिनार किया जा रहा है. अमानतुल्लाह की वजह से मनीष सिसोदिया उनके नेता को नजरअंदाज कर रहे हैं. अमानतुल्लाह कह रहे हैं कि वे मुस्लिम हैं इसलिए उन्हें तवज्जो दी जा रही है. कुमार के समर्थक गौरव शर्मा ने कहा कि कुमार विश्वास कार्यकर्ताओं के लिए सच्चाई की लड़ाई कर रहे हैं. जबकि उन पर झूठे आरोप लगा रहे अमानतुल्लाह ने सबूत भी सार्वजनिक नहीं किए हैं.
उधर अमानतुल्लाह खान के समर्थन में नारेबाजी कर रहे महमूद ने कहा कि कुमार विश्वास बड़े नेता हैं. हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं. किसी एक नेता के पीछे नहीं हैं. हालांकि इस हंगामे से इतना साफ है कि आम आदमी पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में यह विवाद पार्टी के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकता है.