
कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने जिन तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया है, वे सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करने की तैयारी में हैं. कांग्रेस के विधायक आर. शंकर, महेश कुमथल्ली और निर्दलीय विधायक रमेश जरकिहोली सुप्रीम कोर्ट में अयोग्यता के खिलाफ अर्जी देंगे. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे सकता है. लंबे वक्त तक चले सियासी नाटक के बाद गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया.
कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस के हाथ से सरकार गिर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. लेकिन कर्नाटक में चल रही सियासी उठापठक अभी तक शांत नहीं हुई है.
बाकी 14 बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, 'मेरे पास कई शिकायतें हैं, मुझे फैसले के लिए और वक्त चाहिए. ऐसे मामले की स्टडी करनी पड़ती है.' विधानसभा स्पीकर के इस एक्शन के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. अगर स्पीकर ने ये कार्यवाही कुछ दिनों पहले की होती तो कर्नाटक का राजनीतिक समीकरण कुछ और भी हो सकता था.
इस्तीफे का प्रारूप सही नहीं
रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली के बारे में स्पीकर रमेश कुमार ने कहा था कि विधायकों ने मुझे कभी सूचित नहीं किया कि वे 6 जुलाई को मेरे कक्ष में आए थे. उन्होंने एक गलत प्रारूप में इस्तीफा दिया. मैंने अपने सचिव को उनके पत्र लेने का निर्देश दिया था. रमेश जरकिहोली गोकक से और कुमथल्ली अथानी से विधायक हैं.
निर्दलीय जीते थे आर. शंकर
कुमारस्वामी सरकार में निगम प्रशासन मंत्री रहे आर. शंकर ने जून में अपनी पार्टी केपीजेपी का कांग्रेस में विलय कर लिया था. इस बीच आर. शंकर ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था और बागी विधायकों के साथ मुंबई चले गए थे. आर. शंकर को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया है.
असेंबली भंग होने के बाद ही लड़ सकेंगे चुनाव
स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि जब तक मौजूदा विधानसभा की मियाद है, तब तक वे विधायक नहीं रहेंगे. सदन के मौजूदा कार्यकाल में वे चुनाव भी नहीं लड़ सकते. स्पीकर ने कहा कि कुछ अन्य लोगों की भी शिकायतें उन्हें मिली हैं, जिन पर वे फैसला लेने के लिए वक्त लेंगे. इसके लिए उन्हें काफी पढ़ना पड़ेगा. अयोग्य विधायकों के बारे में स्पीकर ने कहा कि मौजूदा असेंबली भंग होने के बाद ही वे चुनाव लड़ सकेंगे.