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करुणानिधि की पहली पुण्यतिथि आज, एमके स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि

डीएमके के दिग्गज नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधी की आज(बुधवार) को पहली पुण्यतिथि है. डीएमके ने उनकी याद में शांति मार्च का आयोजन किया था.

करुणानिधि की पहली पुण्यतिथि पर एमके स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि (फोटो- शालिनी, इंडिया टुडे) करुणानिधि की पहली पुण्यतिथि पर एमके स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि (फोटो- शालिनी, इंडिया टुडे)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

  • एम करुणानिधी की पहली पुण्यतिथि आज
  • डीएमके ने निकाला मौन मार्च
  • स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री रहे एम. करुणानिधि की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर डीएमके ने मौन मार्च निकालने का फैसला किया है. करुणानिधि की बेटी और सांसद एमके कनिमोझी वालजाह रोड पहुंचीं. एमके स्टालिन ने भी करुणानिधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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यहीं से करुणा स्मारक तक मार्च निकाला गया. इस मार्च ने भारी संख्या में लोग शामिल हुए. मार्च में शामिल लोग इस दौरान बेहद भावुक नजर आए.

दक्षिण की राजनीति के मुख्य स्तंभ और तमिलनाडु के 5 बार मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि का पिछले साल आज के ही दिन निधन हुआ था. 94 वर्षीय द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सुप्रीमो करुणानिधि देश के ऐतिहासिक नेता रहे हैं.

शांति परेड में भारी संख्या में शामिल हुए लोग (फोटो- शालिनी, इंडिया टुडे)

दक्षिण की राजनीति के स्तंभ कहे जाने वाले करुणानिधि ने 1969 में पहली बार राज्य के सीएम का पद संभाला था. इसके बाद वो पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे. करुणानिधि एक ऐसे नेता रहे जिन्होंने हर चुनाव में अपनी सीट न हारने का रिकॉर्ड दर्ज किया है. वो जिस भी सीट से भी चुनाव लड़े हमेशा जीत हासिल की.

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दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि ने 'हिंदी-हटाओ आंदोलन' किया. 1937 में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने विरोध किया, करुणानिधि भी उनमें से एक थे. इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा को अपना हथियार बनाया और तमिल में ही नाटक, अखबार और फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखने लगे थे.

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