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हड़ताल पर ममता से बातचीत को डॉक्टरों ने रखी शर्त, कहा- जगह और वक्त हम तय करेंगे

जूनियर डॉक्टर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सशर्त वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हम सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत और चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन बैठक की जगह हम तय करेंगे. हालांकि ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को बंद कमरे में बैठक करने के लिए बुलाया है.

विरोध प्रदर्शन करते जूनियर डॉक्टर (फाइल फोटो) विरोध प्रदर्शन करते जूनियर डॉक्टर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 16 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बाद जूनियर डॉक्टर सशर्त वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हम सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत और चर्चा करना चाहते हैं. हालांकि इस बैठक की जगह हम तय करेंगे. ममता बनर्जी ने नबन्ना में हमको बंद कमरे में बैठक करने के लिए बुलाया है, लेकिन हम बंद कमरे में उनके साथ बैठक कैसे कर सकते हैं, क्योंकि इस लड़ाई में पूरा राज्य हमारे साथ है.

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हमारे लिए अस्तित्व की लड़ाई

डॉक्टरों का कहना है कि यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अहंकार की लड़ाई बन चुकी है, लेकिन हमारे लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है. डॉक्टरों ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जिन जूनियर डॉक्टर परिबाहा मुखोपाध्याय पर हमला किया गया, उनसे सीएम ममता बनर्जी मुलाकात करें. यह कोई अचानक हमला नहीं था, बल्कि सुनियोजित तरीके से किया गया हमला था. उनका कहना है कि पूरे राज्य में 230 से ज्यादा बार डॉक्टरों पर हमले हुए, लेकिन ममता बनर्जी कहती हैं कि डॉक्टरों पर होने वाले हमले के 99 फीसदी मामलों को संजीदगी से देखा जाता है और कार्रवाई की जाती है.

हमारी तुलना पुलिस से करती हैं ममता बनर्जी

डॉक्टरों का कहना, 'ममता बनर्जी ने कहा कि जब वो एसएसकेएम हॉस्पिटल गईं, तो उन पर हमला हुआ, जो सच नहीं है. वो बैरीकेट के घेरे में थीं और हम लोग न्याय की मांग करते हुए सिर्फ नारे लगा रहे थे. ममता बनर्जी हमारी तुलना पुलिस से करती हैं. हम पुलिस का सम्मान करते हैं, लेकिन उन लोगों को ट्रेनिंग और हथियार दिए जाते हैं. वहीं, हम लोगों को हथियार चलाने के लिए ट्रेंड नहीं किया जाता है.'

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डॉक्टरों के मुताबिक ममता बनर्जी कह रही हैं कि यह बाहरी लोगों का आंदोलन बन चुका है, लेकिन हम कहते हैं कि यह सिर्फ जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन नहीं है. यह पूरे देश के स्वास्थ्य महकमे का आंदोलन है. हालांकि हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं और गतिरोध को खत्म करना चाहते हैं.

हड़ताल से लोगों की सेवा न कर पाने का दुख

डॉक्टरों ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए 13 हजार पुलिस अधिकारियों की तैनाती निर्धारित हैं, लेकिन सीएम ममता बनर्जी कहती हैं कि तीन हजार पुलिस अधिकारियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में तैनात किया गया है. इससे साफ होता है कि पुलिस अधिकारियों की कमी है. मुख्यमंत्री कहती हैं कि उन्होंने इस मसले पर राज्यपाल से बात की है, लेकिन राज्यपाल बयान जारी करके कहते हैं कि उनके फोन का ममता बनर्जी जवाब नहीं दे रही हैं. हड़ताल की वजह से बंगाल के लोगों की सेवा नहीं कर पाने का हमको दुख है.

इससे पहले शनिवार को ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बीमार मरीजों के परिजन इंतजार कर रहे हैं. हमने डॉक्टरों की अधिकांश मांगें मान ली हैं. लिहाजा हड़ताल को अब खत्म किया जाए. इस दौरान ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी जबरदस्त हमला बोला.

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