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त्रिपुरा के CM का भाषण दिखाने से दूरदर्शन का इनकार, येचुरी ने कहा- अघोषित आपातकाल

कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) CPI(M) ने आरोप लगाया है कि पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण टेलीकास्ट ने मना कर दिया.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST

कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) CPI(M) ने आरोप लगाया है कि पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण टेलीकास्ट ने मना कर दिया. इस पर पार्टी ने भाषण टेलीकास्ट ना करने का फैसला लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

क्या यही है सहकारी संघवाद?

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पार्टी ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या यही वो सहकारी संघवाद है जिसकी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. पार्टी की मानें तो स्वतत्रंता दिवस के मौके पर सीएम माणिक सरकार का भाषण दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो ने रिकॉर्ड किया. लेकिन बाद में सीएम को बताया गया कि उनका भाषण बिना बदलाव के प्रसारित नहीं किया जा सकता.

वहीं सीताराम येचुरी ने कहा कि दूरदर्शन बीजेपी और आरएसएस की संपत्ति नहीं है. त्रिपुरा के सीएम की स्पीच ब्रॉडकास्ट ना करना अलोकतांत्रित और गैरकानूनी है.

 

 येचुरी बोले-ये तानाशाही है

येचुरी ने कहा कि पीएम मोदी सहकारी संघवाद का उपदेश देते हैं जबकि अपने सहयोगियों को विपक्ष की आवाज दबाने की नसीहत देते हैं. वाम नेता ने सवाल किया, 'अगर ये तानाशाही और अघोषित इमरजेंसी नहीं है, तो क्या है? CPM, त्रिपुरा के लोग और सभी देशवासी इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.'

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70 साल बाद भी आर्थिक आजादी नहीं मिली: माणिक

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि हालांकि, भारतीयों को 70 साल पहले आजादी मिल गई थी, लेकिन 1947 से सत्ता पर काबिज दलों की दोषपूर्ण नीतियों के कारण लोगों को आर्थिक आजादी नहीं मिली है.

सरकार ने अगरतला में असम राइफल्स मैदान में तिरंगा फहराने के बाद कहा, 'भारत को 70 साल पहले ही आजादी मिल गई थी. भारतीयों को राजनीतिक आजादी मिल गई है, लेकिन उन्हें अभी तक आर्थिक आजादी नहीं मिली है.'

उन्होंने कहा, 'प्रमुख राजनीतिक दल अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं, खासतौर पर युवाओं को. धर्म और अन्य मुद्दों के नाम पर लोगों के बीच दीवारें खड़ी की जा रही हैं.'

 

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