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फेरारी से मौत की रेसिंग, बिखर गया एक-एक पार्ट्स, ड्राइवर की मौत

फेरारी कार- सिर्फ नाम ही काफी है. लेकिन करोड़ों की यही कार जब हादसे में कबाड़ बन गई तो लोग डर गए. कोलकाता में रेसिंग के दौरान फेरारी ऐसी बेकाबू हुई कि साढ़े तीन करोड़ की कार के पुर्जे-पुर्जे उड़ गए.

कबाड़ में तब्दील फेरारी कबाड़ में तब्दील फेरारी
अमित कुमार दुबे
  • कोलकाता,
  • 04 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

फेरारी कार- सिर्फ नाम ही काफी है. लेकिन करोड़ों की यही कार जब हादसे में कबाड़ बन गई तो लोग डर गए. कोलकाता में रेसिंग के दौरान फेरारी ऐसी बेकाबू हुई कि साढ़े तीन करोड़ की कार के पुर्जे-पुर्जे उड़ गए.

लाल फेरारी का एक-एक हिस्सा, एक-एक कल पुर्जा कबाड़ से ज्यादा नहीं बचा. सड़क पर हर तरफ करोड़ों की कार का मलबा फैल गया. सीट, स्टेयरिंग, पहिये, छत सबकुछ किसी भयानक हादसे के गवाह बन चुके हैं. डब्लू बी 02 एएल- 0808के वीआईपी नंबर वाली लाल रंग की फेरारी लाल खून के बहने की खौफनाक वजह बन चुकी है.

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सुबह पांच बजे का वक्त रहा होगा, जब इस फेरारी कार पर सवार होकर दो शख्स रेसिंग की तूफानी रफ्तार में खो गए थे. दोस्तों का साथ खाली सड़कें और आंधी तूफान जैसी रफ्तार का जुनून, लाल फेरारी डेढ़ सौ से 2 सौ किलोमीटर की रफ्तार से भागने लगी.

अलीपुर से शुरू होकर विद्दासागर सेतु तक कार को दौड़ना था. 43 साल के मशहूर कारोबारी शिवाजी रॉय के साथ कार में उनकी दोस्त की बेटी भी सवार थी. यहां तक तो सबकुछ ठीक था वापसी के रास्ते में सात कारों वाले ग्रुप ने नाश्ते का लुत्फ भी उठाया. लेकिन रफ्तार की रेस में पकुड़िया पुल के पास सबकुछ खत्म हो गया. तेज भागती फेरारी डिवाइडर से जा टकराई और एक पल में मौत ने हॉर्न बजा दिया.  

रफ्तार इतनी तेज थी कि कार के टुकड़े-टुकड़े हो गए, कार के एयर बैग तक फट गया, और दोनों सवार इस कदर फंस गए कि निकालना तक मुश्किल हो गया. पास के राहगीरों ने दोनों को निकाला लेकिन शिवाजी रॉय की सांसें अस्पताल पहुचंते पहुंचे टूट गईं.

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दरअसल भारत में आमतौर पर फेरारी के 8 मॉडल बिकते हैं और सबसे कम कीमत की फेरारी कैलिफोर्निया टी कार तीन करोड़ 29 लाख की आती है. जबकि फेरारी 812 सुपरफास्ट मॉडल की कीमत पांच करोड़ बीस लाख से ज्यादा, आमतौर पर फेरारी की टॉप स्पीड 315 किलोमीटर तक होती है. रफ्तार का ये रोमांच पहले भी जिंदगी पर ब्रेक लगा चुका है लेकिन स्पीड का नशा ही ऐसा होता है कि सर से उतरता नहीं.

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