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पठानकोट एयरबेस हमला: एंटी-टेरर ऑपरेशन में पहली बार हुआ ड्रोन का इस्तेमाल

देश में बढ़ते आतंकी हमलों से निपटने में तकनीक का इस्तेमाल खासा मददगार साबित हो रहा है. शनिवार को पंजाब के पठानकोट में एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों की तलाश के लिए द्रोन का इस्तेमाल किया गया. देश में यह पहला मौका है जब एंटी-टेरर ऑपरेशन में द्रोन का इस्तेमाल किया गया.

द्रोन का पहली बार हुआ इस्तेमाल द्रोन का पहली बार हुआ इस्तेमाल
संदीप कुमार सिंह
  • पठानकोट,
  • 02 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 3:40 PM IST

देश में बढ़ते आतंकी हमलों से निपटने में तकनीक का इस्तेमाल खासा मददगार साबित हो रहा है. शनिवार को पंजाब के पठानकोट में एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों की तलाश के लिए द्रोन का इस्तेमाल किया गया. देश में यह पहला मौका है जब एंटी-टेरर ऑपरेशन में द्रोन का इस्तेमाल किया गया.

आतंकियों की तस्वीर निकाली गई
पंजाब हमले को अंजाम देने के बाद छिपे बैठे आतंकियों का पता लगाने के लिए वायु सेना ने ड्रोन का इस्तेमाल किया. सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन से मिलीं तस्वीरों से एयरबेस में छिपे आतंकियों की लोकेशन पता लगाने में मदद मिली. इसके साथ ही सेना ने हेलीकॉप्टर से भी निगरानी की.

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सुरक्षा पर सवाल
हालांकि, इस आतंकी हमले ने जहां पाकिस्तान के मंसूबों को सवालों के घेरे में ला दिया है वहीं पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है.

24 घंटे में क्या कार्रवाई हुई?
पठानकोट में शुक्रवार को युवक की हत्या कर गुरदासपुर के एसपी डिटेक्टिव सलविंदर सिंह की गाड़ी लूट की घटना के बाद भी पूरे इलाके में क्यों गंभीरता नहीं दिखाई गई? बड़ा सवाल यह भी है कि घटना के 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद हुए आतंकी हमले को क्यों नहीं रोका जा सका?

शनिवार तड़के हुए इस हमले के मद्देनजर दिल्ली में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकों का दौर शुरू हो गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल समेत तीनों सेना के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को कार्रवाई के बारे में ब्रीफ किया. उसके बाद रक्षा मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को पूरे ऑपरेशन और ताजा हालात से अवगत कराया.

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सूत्रों के मुताबिक आतंकी नाले के रास्ते पाकिस्तान से भारत में दाखिल हुए थे और पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे.

आतंकी की मां ने कहा- मरने से पहले खाना खा लेना
आतंकियों के फोन कॉल डीटेल से पता चलता है कि तीन कॉल पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को किए गए थे, जबकि एक आंतकी ने अपनी मां से बात की थी. आतंकी ने मां से कहा कि वह फिदायीन मिशन पर है, जिस पर उसकी मां ने कहा कि मरने से पहले खाना खा लेना.

सूत्रों के मुताबिक, आतंकी 30 दिसंबर को गुरदासपुर से लगी सीमा से भारत में घुसे थे. सभी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बताए जाते हैं. बताया जाता है कि आतंकियों को बहावलपुर में ट्रेनिंग मिली और इनके हैंडलर का नाम मोहम्मद अशफाक और हाजी अब्दुल है. सभी 6 आतंकियों को वायुसेना के विमान उड़ाने का टास्क दिया गया था.

आधुनिक हथियारों से लैस थे आतंकी
खबरों के मुताबिक आतंकी एके-47, हैण्ड ग्रेनेड, जीपीएस सिस्टम समेत भारी गोला बारूद से लैश थे, लेकिन मुस्तैद सुरक्षा बलों ने उनके हमले को नाकाम कर दिया. आतंकवादी शनिवार तड़के 3 बजे लैंड क्रूजर और पजेरो गाड़ी से पठानकोट एयरबेस पहुंचे थे. आतंकियों की पाकिस्तान के बहावलपुर में 6 महीने तक ट्रेनिंग हुई और वे अल रहमान ट्रस्ट से जुड़े हैं.

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मिलेगा मुंहतोड़ जवाब: राजनाथ
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पठानकोट हमले की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान समेत तमाम पड़ोसी देशों से भारत अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन भारत पर आतंकी हमला हुआ तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पठानकोट आतंकी हमले की जांच NIA को सौंप दी गई है. दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े और संवेदनशील शहरों में हाई अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्रालय, आर्मी से जुड़े ठिकाने और तमाम अहम जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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