
केमिकल एंड फर्टिलाइजर मंत्री अनंत कुमार ने मंगलवार को रेलमंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात करके रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि भंडार खोलने के प्रस्ताव पर चर्चा की. रेलमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि रेल मंत्रालय के साथ उनका मंत्रालय जल्द ही एक एमओयू साइन करेगा. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि भंडार खुलने से लोगों को विश्वसनीय और सस्ती दवाएं मिल पाएंगी. इन जेनरिक दवाओं की कीमत बाजार के मुकाबले औसतन 30 फीसदी कम होती हैं. जीएसटी की वजह से जन औषधि केंद्रों पर बिकने वाली दवाओं के महंगी होने की संभावना के सवाल पर अनंत कुमार ने कहा कि उनका मंत्रालय इस मसले पर नजर रखे हुए हैं और उनकी पूरी कोशिश है कि इन दवाओं पर कम से कम असर पड़े.
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस मौके पर कहा कि उनका मंत्रालय हमेशा से ही ऐसी जन उपयोगी योजनाओं को लागू करने में आगे रहा है. जन औषधि भंडार खुलने से लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. प्रभु ने कहा कि इसके लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है और तमाम छोटी-बड़ी बातों को विचार विमर्श करने के बाद जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि भंडार खोलने के लिए कदम बढ़ा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों कि आदत होती है कि वो ब्रांडेड दवाओं की ज्यादा कीमत देते हैं लेकिन जेनरिक दवाएं जो कि उतना ही असर करती है सस्ती होती हैं और क्वलिटी के मामले में ये दवाएं किसी से कम नहीं है.
केमिकल एंड फर्टिलाइजर मंत्रालय और रेल मंत्रालय में सहमति बनने के बाद ऐसा अनुमान है कि देश भर के तकरीबन 1000 रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि भंडार खोले जाएंगे. इसके लिए लाइसेंसिग का क्या तरीका होगा और इसमें रेलवे की भागीदारी और नियंत्रण किस तरह का होगा इस पर रेलवे बोर्ड जल्द ही विचार करेगा. रेल के अधिकारियों के मुताबिक अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले एक महीने के भीतर जन औषधि भंडार रेलवे स्टेशन पर लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा.