
पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए कॉन्स्टेबल जगदीश सिंह ने शहादत से पहले ऐसे कारनामा कर दिखाया, जिसे याद कर देश उन पर सालों तक नाज करेगा.
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ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन
पठानकोट एयरफोर्स के एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) जेएस धमून ने रविवार को बताया कि किस तरह डीएससी (डिफेंड सिक्यॉरिटी कॉर्प्स) के कॉन्स्टेबल जगदीश ने शहीद होने से पहले एक आतंकी को उसी की राइफल से मार गिराया. धमून ने बताया कि 1 जनवरी को उन्हें इनपुट मिला था कि पठानकोट में आतंकियों की घुसपैठ हुई है. सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ तो गुरदासपुर के पास उनकी लोकेशन पता चली. खुफिया जानकारी मिली कि पाठनकोट उनके निशाने पर हो सकता है. इसके बाद वायुसेना तुरंत सक्रिय हो गई और एनएसजी, इंडियन आर्मी से भी संपर्क किया गया.
गरुड कमांडोज का हुआ आतंकियों से सामना
धमून के मुताबिक, रात को एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो सर्च ऑपरेशन कर रहे थे कि तभी उनका आतंकियों से सामना हुआ. वे चार आतंकवादी थे. इस हमले में एक जवान घायल हो गया, जबकि एक शहीद हो गया. इसके बाद आतंकी बिल्डिंग की खिड़कियों पर फायरिंग करते हुए भागे. इस दौरान, कुछ जवान डीएससी मेस के कुक हाउस में सुबह के नाश्ते की तैयारी कर रहे थे. वहां पर लाइटें जल रही थीं. आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी.'
जगदीश ने आतंकी से छीनी उसकी राइफल और उसे मार गिराया
धमून ने बताया कि आतंकियों के इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए. उसके बाद आतंकी खुले इलाके की तरफ गए. उनके पीछे एक डीएससी जवान जगदीश सिंह
भागे. दोनों में मुठभेड़ हुई और इस इसी दौरान हवलदार जगदीश ने आतंकी से उसकी ही राइफल छीनकर उसे ढेर कर दिया. इसके बाद वे बाकी आतंकियों का पीछा
करने के लिए उनकी तरफ भागे, लेकिन इस लड़ाई में वे आतंकियों की गोली के शिकार हो गए लड़ते-लड़ते हुए शहीद हो गए.
सात जवान शहीद
धमून ने बताया कि इस हमले में शहीद होने वालों में एक जवान गरुड़ का और पांच डीएससी के जवान हैं. शहीदों में एक एनएसजी कमांडो भी शामिल हैं.