
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को दुर्गा पूजा पंडालों को पैसे देने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बुधवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार करते हुए कहा कि सरकार के खर्च की आलोचना के लिए विधानसभा ही उचित जगह है.
गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने 5 अक्टूबर को इस मामले में अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी. कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों को 28 करोड़ रुपये का चंदा देने पर रोक लगाते हुए सरकार से पूछा था कि किस फंड से दुर्गा पंडालों को आर्थिक सहायता दी जा रही है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा-पूजा आयोजित करने वाले पंडालों को 28 करोड़ रुपये बतौर गिफ्ट देने की घोषणा की थी. ममता ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल में 28 हजार पूजा पंडालों में से सभी को 10-10 हजार रुपये दिए जाएंगे. इस पर आने वाला खर्च राज्य सरकार के विभिन्न विभाग उठाएंगे.
इनमें पर्यटन और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय भी शामिल थे. इस फैसले को ममता सरकार का हिंदुओं को लुभाने के लिए लिया गया फैसला बताया जा रहा था.
ममता बनर्जी के इस फैसले पर कई मुस्लिम संगठनों ने भी विरोध जताया था और सड़कों पर उतर आए थे. इमामों का भत्ता बढ़ाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा था कि जब ममता बनर्जी दुर्गा पूजा पंडाल के लिए 28 करोड़ रुपये दे सकती हैं तो उन्हें मिलने वाला भत्ता 2500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दें.
इस मामले पर राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था, 'ममता बनर्जी धार्मिक आधार पर इस तरह की घोषणा करके विभाजन की राजनीति कर रही हैं. हमेशा कर्ज में होने की बात करने वाली ममता को यह बताना होगा कि पूजा पंडाल को देने के लिए 28 करोड़ रुपये कहां से आएंगे.'