
शराब व्यापारी विजय माल्या के किंगफिशर हाउस की गुरुवार को मुंबई में ई-नीलामी की गई. दोपहर करीब 2 बजे नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई. हालांकि इस नीलामी में किसी ने बोली नहीं लगाई. इस नीलामी का अयोजन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाला बैंकों का कंसोर्टियम ने कराया था. SBI ने बीते साल फरवरी में 2,401 वर्ग मीटर की इस जमीन को अधिग्रहित कर लिया था.
किंगफिशर हाउस की नीलामी ई-नीलामी 'सेक्यूटराइजेशन एंड रिकंसट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल असेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंट्रेस्ट (SARFAESI) एक्ट 2002 के तहत की गई. किंगफिशर हाउस मुंबई के अंधेरी में है. नीलामी की बोली 150 करोड़ रुपये से शुरू की गई.
यह नीलामी किंगफिशर एयरलाइन्स के बैंक लोन न चुका पाने की वजह से की गई. 31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइंस पर 6,963 करोड़ रुपये का बकाया है. एसबीआई और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों ने विजय माल्या को 'विलफुल डिफॉल्टर' यानी जानबूझकर लोन न चुकाने वाला घोषित कर दिया है.
सीबीआई की पूछताछ जारी
मंगलवार को सीबीआई के साथ बैंकों ने भी कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में किंगफिशर एयरलाइंस और यूबी समूह के दो शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की. किंगफिशर एयरलाइंस अब बंद पड़ी है. पूर्व किंगफिशर एयरलाइंस के मुख्य वित्त अधिकारी ए रघुनाथन और यूबी समूह के पूर्व सीएफओ रवि नेदुनगादी को सीबीआई के सीबीआई के मुबंई कार्यालय में फिर बुलाया गया और लोन की कथिक हेराफेरी से जुड़े सवाल किए गए. दोनों अधिकारियों से आधी रात तक पूछताछ चलती रही. सीबीआई ने यूबी समूह के तत्कालीन चेयरमैन विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ है. आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने लोन नियमों का उल्लंघन कर 900 करोड़ रुपये का कर्ज दिया.