
दिल्ली एनसीआर में शनिवार रात 8 बजकर 57 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के मुताबिक भूकंप का परिमाण रिक्टर स्केल पर 4.1 आंका गया. भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्झर के पास था और इसका अभिकेंद्र जमीन में 10 किलोमीटर की गहराई पर था. इस भूकंप को झज्झर के साथ साथ रोहतक, भिवानी, गुड़गांव और दिल्ली में महसूस किया गया. भूकंप वैज्ञानिकों के मुताबिक यह भूकंप हल्के भूकंप की श्रेणी में आता है लिहाजा इससे किसी जानमाल के नुकसान की संभावना न के बराबर है.
झज्झर में भूकंप जिस फॉल्ट लाइन पर आया है उस फॉल्ट लाइन को महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट कहा जाता है. भूवैज्ञानिकों के मुताबिक महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट जमीन के अंदर है और इसकी सतह से गहराई 1 किलोमीटर है. महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट हरियाणा के महेंद्रगढ़ से शुरू होकर झज्झर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत होता हुआ देहरादून में हिमालय के नीचे चला जाता है. हिमालय से जुड़े होने की वजह से इस फॉल्ट में हलचल बनी रहत है.
महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन पर छोटे छोटे भूकंप आते रहते हैं. शनिवार को आए भूकंप 4.1 परिमाण का रहा. इससे पहले वर्ष 2012 में 4.9 परिमाण का भूकंप इसी फॉल्ट लाइऩ पर झज्झर में आया था जिससे कई घरों में दरारें पड़ गई थीं. महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट की वजह से रोहतक, बहादुरगढ़, सोनीपत और पानीपत में भी अक्सर भूकंप की गतिविधि महसूस की जाती है.
झज्झर में आए भूकंप को गुड़गांव और इससे सटे दिल्ली के तमाम इलाकों में महसूस किया गया. हाई राइज इमारतों में रहने वाले लोग घबराहट में घर से बाहर निकल आए. लेकिन इस भूकंप का असर गाजियाबाद और नोएडा में न के बराबर महसूस किया गया. राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के डायरेक्टर विनीत गहलोत के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में कई जगहों पर लोगों ने इस भूकंप को महसूस किया. उनके मुताबिक दिल्ली एनसीआर भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है.
यहां पर जमीन के नीचे हलचल होती रहती है और इसकी बड़ी वजह है यहां से होकर गुजरने वाले पांच फॉल्ट और हिमालय से राजधानी की नजदीकी. दिल्ली को भूकंप के लिहाज से जोन चार में रखा गया है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि दिल्ली को हिमालय में होने वाले किसी बड़े भूकंप की वजह से भारी नुकसान की आशंका ज्यादा है और इसके लिए हमें अपनी मुकम्मल तैयारियां करनी होंगी.