
पांच राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा आम चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग कर चुका है. इन राज्यों में चुनाव प्रचार को भी सीमित करने के लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के लिए टेलीवीजन और रेडियो के जरिए प्रचार की अवधि भी निर्धारित कर दी है.
मध्यप्रदेश में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर मोदी बनाम राहुल
आयोग के मुताबिक 28 नवंबर को मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अपना प्रचार करने के लिए कुल 206 मिनट दिए हैं. यानी बीजेपी राज्य में टेलीवीजन और रेडियो पर अलग-अलग 206 मिनट तक प्रचार कर सकती है.
वहीं राज्य विधानसभा में मौजूदा संख्या के आधार पर विपक्ष में बैठी कांग्रेस को टेलीवीजन और रेडियो पर अपना प्रचार करने के लिए 175 मिनट प्रत्येक का समय दिया गया है.
गौरतलब है कि इन दोनों पार्टियों को दिए गए समय के मुताबिक पोलिंग से 48 घंटे पहले तक जहां बीजेपी को 5 मिनट प्रत्येक के कुल 41 ब्रॉडकास्ट करने की इजाजत दी गई है वहीं कांग्रेस पार्टी को प्रचार अवधि में कुल 5 मिनट प्रत्येक के कुल 35 ब्रॉडकास्ट करने की अनुमति दी गई है.
इसके अलावा राज्य विधानसभा में तीसरे नंबर पर मौजूद दल बहुजन समाज पार्टी को कुल 68 मिनट का रेडियो ब्रॉडकास्ट और टेलीविजन टेलिकास्ट का समय दिया गया है. बहुजन समाज पार्टी प्रचार अवधि में 5 मिनट के कुल 13 ब्रॉडकास्ट और टेलिकास्ट कर सकता है. इनके अलावा एआईटीसी, सीपीआई, सीपीआई(एम) और एनसीपी को राज्य में 45-46 मिनट के ब्रॉडकास्ट और टेलिकास्ट का समय दिया गया है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का दर्शक आकार बेहद अहम है. लिहाजा, इसे रेगुलेट करने के लिए चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस टेलीवीजन और रेडियो पर मिले अधिकांश समय का इस्तेमाल पार्टी की प्रचार सामग्री को दिखाने के लिए करेंगी.
लिहाजा, माना जा रहा है कि जहां बीजेपी इस समय का अधिकांश समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों को गिनाने में करेगी वहीं कांग्रेस राहुल गांधी को दिखाते हुए राज्य के वोटरों से नई सरकार चुनने का प्रचार करेगी. इसके अलावा राज्य में निजी क्षेत्र के न्यूज चैलन और रेडियो चैनल हैं. हालांकि ये माध्यम शहरी इलाकों में केन्द्रित रहने के साथ-साथ पार्टियों द्वारा एडवर्टाइजिंग स्लॉट खरीदने पर काम करते हैं. आयोग की तरफ से पार्टियों पर निजी चैनलों और रेडियो पर प्रचार के लिए समय खरीदने की कोई समय सीमा नहीं तय की गई है.
राजस्थान में बीजेपी को 217 तो कांग्रेस को 171 मिनट
चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक राजस्थान में प्रचार के दौरान जहां बीजेपी टेलीविजन और रेडियो पर 217 मिनट प्रत्येक का इस्तेमाल प्रचार के लिए कर सकती है. वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस को 171 मिनट का समय प्रत्येक माध्यम के लिए दिया गया है. इनके अलावा बीएसपी को 58 मिनट प्रत्येक और सीपीएम, सीपीआई और एनसीपी को 46-48 मिनट प्रत्येक का समय दिया गया है.
तेलंगाना में बीजेपी को 86 मिनट को कांग्रेस को 192 मिनट
तेलंगाना चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ टीआरएस को कुल 245 मिनट प्रत्येक माध्यम पर प्रचार के लिए दिए गए हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी को राज्य में दूरदर्शन और रेडियो पर 192 मिनट का टेलिकास्ट और ब्रॉडकास्ट का अधिकार दिया गया है. खासबात है कि विधानसभा में अच्छी संख्या के चलते टीडीपी को बीजेपी से अधिक 130 मिनट का समय दिया गया है.
मिजोरम में कांग्रेस को 250 मिनट तो बीजेपी को 45 मिनट
मिजोरम में सत्तारूढ़ कांग्रेस को प्रचार के लिए 250 मिनट का समय मिला है. दोनों दूरदर्शन और रेडियो पर कांग्रेस पार्टी 5-5 मिनट प्रत्येक के 50 प्रचार सामग्री का ब्रॉडकास्ट और टेलिकास्ट कर सकती है. इसके अलावा क्षेत्रीय पार्टी एमएनएफ को 176 मिनट और जेडएनपी को 125 मिनट प्रत्येक का अधिकार मिला है.
कई चरणों में बंटे इन राज्यों में पोलिंग के लिए 12 नवंबर से लेकर 7 दिसंबर तक का दिन तय किया गया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने रिप्रेजेंटशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के सेक्शन 126 के तहत पोलिंग से 48 घंटे पहले तक प्रचार की नई सामग्री का टीवी, रेडियो समेत अन्य साधनों पर इस्तेमाल न किए जाने के लिए कमर कस ली है.