
प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत वाईएस जगन मोहन रेड्डी की 749 करोड़ की चल और अचल संपत्ति कुर्क कर दी है.
ED की जांच से पता चला है कि साल 2004 के बाद श्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की कई कंपनियों में निवेश हुआ, जब उनके पिता श्री वाईएस राजशेखर रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.प्रति 10 रुपये की दर से खरीदे शेयर
जगन मोहन रेड्डी ने VANPIC ग्रुप कंपनी के श्री निम्मागड्डा प्रसाद से 35 करोड़ रुपये लेकर भारती सिमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के शेयर प्रति 10 रुपये की दर से खरीदे. जगमोहन ने निम्मागड्डा प्रसाद से और दूसरे लोगों के अप्रमाणित प्रीमियम निवेश से सिमेंट प्लांट का निर्माण किया.
गैर कानूनी तरीके से लिया खनन का लाइसेंस
तथ्यों की जानकारी दिए बगैर रेड्डी ने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से लोन भी लिया. रेड्डी ने अपनी कंपनी के नाम धोखे से खनन का लाइसेंस भी हासिल किया. भारती सिमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने गैर कानूनी तरीके से कड़पा जिले में अलॉट हुए खदान से लाइम स्टोन भी निकाला. उस समय निकाले गए लाइम स्टोन की कीमत 152 करोड़ से भी ज्यादा थी.
फ्रांस की कंपनी को बेचे भारती सीमेंट के शेयर
रेड्डी ने फिर भारती सिमेंट के शेयर फ्रांस की एक कंपनी को 671.20 रुपये की दर से बेचकर गलत तरीके से 416.20 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इसके अलावा रेड्डी के पास कंपनी के 49 फीसदी शेयर मौजूद थे. उन्होंने अपनी पत्नी वाईएस भारती रेड्डी को भारती सिमेंट का चेयरपर्सन बना कर काफी फंड भी ट्रांसफर किए.